Friday, October 12, 2012

जान की अमान...चाहता हूँ .............कृपया मेरी आवाज़ सुनो ||

जान की अमान...चाहता हूँ .............कृपया मेरी आवाज़ सुनो ||

आज बड़े दुख और उससे भी ज्यादा क्रोध के साथ.......पता नहीं दुःख ज्यादा है या क्रोध...आप ही समझ लेना ||
मै ये बोलना चाहता हूँ की ...इस  देश में हो क्या रहा है
देश का प्रधान मंत्री.....देश की सरकार .........
देश की जनता...... अपाहिज जनता.........से मिलना नहीं चाहती ....
उनकी बात सुनना नहीं चाहती ||
अरे हम आम नागरिक है ...क्या करतें ........
आप से आपील...या ज्ञापन....पर आप हैं की आप .............. सुनाने को तैयार ही नहीं |
एक तो भ्रस्टाचार ...ऊपर से घमंड ...और फिर बर्बरता.....
राशिद जी (सरकार के प्रवक्ता )..................... आप हमेशा दुहाई देतें है की ये हो क्या रहा है इस देश में .....
जनाब में भी ये ही जानना चाहता हूँ ......कि, ये हो क्या रहा है देश में ?

सिर्फ और सिर्फ आज की बात करतें है......
१. देश का प्रधान मंत्री.....देश की सरकार, ....आज देश की जनता...... और अपाहिज जनता से मिलना नहीं चाहती ....उनकी बात सुनना नहीं चाहती ||
२. हरियाणा का मुख्यमंत्री ....बोलता है कि,....बलात्कार के ....ज्यादातर मामले में ...लड़की अपनी मर्ज़ी से जाती है ...फिर फंस जाती है ...बाद में चिल्लाती है ||
३. उत्तर प्रदेश में ..एक मंत्री खुले आम गुंडागर्दी करता है ......एक CMO ..को गायब करा देता है ...और इस criminal कृत्या पर २ दिन बाद सिर्फ ..इस्तीफा लिया जाता है, वो भी ...नैतिक आधार पर ||
४. हरियाणा के विपक्षी दल का मुखिया बोलता है संविधान के खिलाफ..............की शादी की उम्र कम कर दो ...बलात्कार कम होंगे.

राशिद जी, कृपया ये बताएं..................
ये हो क्या रहा है देश में....और आप के साथी क्या बोल रहे है ......क्या कर रहें है ....कृपया बताएं...ये हो क्या रहा है?

दिल्ली में संदीप जी बोलतें है ...प्रधान मंत्री सबसे नहीं मिल सकतें......और ऊपर से बोलना कि सारी FIR ..केस नहीं बन जातें....
अरे संदीप जी ....आप क्या बताएँगे .........ये तो हम वर्षों से झेल रहे है ......और आप की जानकारी में ला दे कि ..
इतना ही नहीं ...हमारी तो FIR भी नहीं लिखी जाती ....केस तो दूर की बात है.

अरे ...अब ये कहना  की "अब हद हो गयी है" अपना मतलब खो चूका है.....
अब क्या लिखों ..........क्या बोलूँ ..........कोई नए भाषा ...इजाद करनी पड़ेगी ||
ये तो आप बार - बार...... ..बहूत बार................हर कदम में ......पार कर चुकें है ......
मै वो घटनाएँ...गिनना नहीं चाहता ........क्यूंकि ...ये तो आप  रोज़ रोज़ कर रहें ........
किसी भी दिन किसी भी समय ....कई उदहारण ....मिल जायेंगे ||

मै यह कहना ......चाहता हूँ ....आप से कि ...
अब डर लगता है ...................हम आम आदमी है .....और सच में ...अब डर लगता है ....हर जगह डर लगता है .......देश में कोई घर नहीं ...कोई सड़क ऐसी नहीं ...जिसमें मै महफूज़ ...महसूस करू |
मै ये कहना ......चाहता हूँ..........की अब नींद में भी डर लगता है .....में सो नहीं पता .......
इस तरह डर डर ...जीना होता .........तो बेहतर होता ......की किसी तरह वीजा लेकर ....किसी भी ...banana country ..में चला जाता.....
या फिर देश .............आज़ाद ही नही होता||

हालात तो एक जैसे ही है .....
राबर्ट जी ने तो .......सिर्फ बोला था .........पर आपने ....तो करके दिखा दिया .....बहुत दुःख ..के साथ बोलना पड़ रहा है ....कि
प्रधान मंत्री जी ...मुझे आप से ये ऐसी आशा ...... नहीं थी |
में समझता था की ...आप चुप रहतें है ..पर जब जरूरी होगा ...तो बोलेंगे ...और शायाद ...सही बोलेंगे......
में जानना ...चाहता हूँ की ...
आपकी ...क्या मजबूरी है .......जो आप कुछ बोल नहीं सकतें ......
शर्म आती है .....कि.....
अभी तक में जिस देश के लिए ये सोंचता था की ....महान है...जो की था भी और है भी.....

मै अब धन्यवाद देता हूँ .....आप ही के ..आदर्श ...
महात्मा गाँधी को ....कि उनहोंने ...इस देश में जनम लिया ......और हमको चुपचाप .....सहन करनें की शक्ति दी .....

पर अब ...सहन नहीं होता ....कृपया ..इस देश के आम जनता को ....बताएं की ...ऐसा क्या हुआ कि..........
गाँधी के देश में ......भी अब सहन शक्ति ..जवाब दे रही है ?

पर नहीं ...में सहन करूंगा ...इसलिए नहीं की .......हम डरतें है .....
जी बिल्कुल नहीं डरतें ..............नहीं तो देश कभी ....आज़ाद नहीं होता ....और आपका ...ऐसा ..राज नहीं होता ||

मै सहन करूंगा .........क्यूंकि ........
महंगाई इतनी ज्यादा है की ........अगर एक दिन भी ...कमाई रुक गयी ...
तो घर में चूल्हा नहीं ...जल पायेगा .......बच्चे ...भूंखे चिल्लायेंगे....
उनकी चिल्लाहट से ...व्यर्थ ...ही क्रोध आयगा ....और उन्ही बेचारों ....पर निकल जायगा ||

पर अब लगता है ....की फायदा क्या है ...ये सब करने का ......
क्या पता कभी में बीमार हो गया तो ..............
तो भी तो बच्चे ...भूखे रह जायेंगे ........और अगर मै  मर गया .....
तो वो भी ...बेमौत मर जायेंगे ......
कुछ कीजिये .....कुछ कीजिये .......

आपका बहूत - बहूत - धन्यवाद ...आपने हम को
शिक्षा का अधिकार दिया ........आपने ....भारत निर्माण किया.....

पर एक और चीज़ दे दो ........कृपया ..कृपया ....हमें ...सुरक्षा का भी अधिकार दे दो .........
बोलने का अधिकार दे दो .....मुझे आत्म सम्मान दे दो .....
नहीं तो सब कुछ ....वापस ले लो ........
इस तरह के दान का हम ....करेंगे भी क्या ......

कुछ ऐसा महसूस होता है ....कि
आपने खाना देने का ...सपना तो दिया ...पर मुंह ...में पट्टी बाँध दी ......
कृपया ...ये पट्टी खोल दो ..............................
.............मेरी आवाज़ सुनो....अपना घमंड...जिद्द ...छोड़ दो .......फिर से शुरुवात...करो ......
अब भरोषा नहीं रहा..........कुछ  तो ऐसा काम करो .....कि
एक दिन ....तो नींद आजाये ........हम बिना किसी डर के सो जाये.......

मै करता हूँ.....विनती....मेरे दोस्तों से...कि....इसका सभी...भाषाओं में ....अनुवाद किया जाये..........
क्या जाने............कौन सी भाषा.........इनको समझ ...............आये.........

 मेरे पर निराश .............ना हो..........
स्याह रात ...................नाम नहीं लेती ढलने का |
यही तो वक़्त है ................सूरज के निकलने का ||

घर में ........बहूत चूहे हो गए है ............चलों सफाई करें ||
------------नागेन्द्र शुक्ल
Requesting all my friends……………… to translate above in all languages....So that everyone can read......common man feeling………...and to confirm government……...that they understand it.....not which language they understand....Thanks.
- Nagendra Shukla




1 comment:

  1. हाँ भाई अब 2020 में PM कैसा है

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