Thursday, January 16, 2014

"रास्ता सही, पर क्या तैयारी पूरी?"


आम आदमी पार्टी :- "रास्ता सही, पर क्या तैयारी पूरी?"

पिछले कुछ दिनों से आम आदमी पार्टी (आप) पर हमले तेज हो रहे है. ये ठीक तब से चालू हुवा है जब से आम आदमी पार्टी ने बिजली कंपनियों की CAG से जाँच करवाने के आदेश दिए. मीडिया और बीजेपी कांग्रेस का सोशल मीडिया दोनों गलत और तथ्यों को तोड़ मरोड़ कर आप पर आरोप लगा रहे है.
खैर इन से उम्मीद भी कुछ और नहीं की जा सकती है. पर बड़े ही आश्चर्य की बात ये है की आप की तरफ से इन सभी आरोपों के कुछ भी सही जवाब नहीं आ पा रहे है.
क्या कारण है की अपने सवालों और जवाबों से सब की बोलती बंद कर देने वाली आप की सोशल मेडिया टीम कुछ भी जवाब नहीं दे पा रही? क्या वो जीत के नशे से निकले नहीं है ? या फिर वो बीजेपी और कांग्रेस द्वारा फैलाया जा रहे झूट को देख नहीं पा रहे है और इस से पार्टी को होने वाले भारी नुकसान को समझ नहीं पा रहे है?
पिछले 15 दिनों में आप ने कई सारे अच्छे काम किये जो पहले कोई नहीं कर पाया पर सोशल मीडिया पर उन कामों को सही तरह से जनता के बीच रखने में आप की सोशल मीडिया टीम पूरी तरह से विफल रही है. जबकि बीजेपी और कांग्रेस वाले उन अच्छे कामों को भी गलत निर्णय साबित करने में सफल रहे है. आज देश (दिल्ली के बाहर के) के आम आदमी जो किसी पार्टी का भक्त नहीं है के मन में यही धारणा बन गयी है की बिजली और पानी को ले कर आम आदमी पार्टी ने जो निर्णय लिए है वो गलत निर्णय है. सोमनाथ भरती और राखी बिरला जैसे मंत्री ने पुलिस को सही ढंग से काम न करने पर जो फटकार लगा कर अच्छा काम किया वो भी देश की मीडिया गलत ढंग से दिखा रहा है. यही काम अगर मोदी या किसी और नेता ने किया होता तो पूरे सोशल मीडिया में उस की जय जयकार हो रही होती. ऐसे कई उदाहरण है...
तो क्या आम आदमी पार्टी का सोशल मीडिया पिछले 15 दिनों में पूरी तरह विफल रहा है? अपने ऊपर उठे सवालों का जवाब देने और पार्टी द्वारा किये गए अच्छे कामों को जनता तक पहुचाने में पूरी तरह विफल रहा है?
और ऐसा क्यों हो रहा है?
बात चिंता की है और इस का उपाय जल्दी ही होना चाहिए वर्ना भारी नुकसान होगा पार्टी को.
पार्टी ज्यादा से ज्यादा सीट पर चुनाव की तयारी कर रही है. और सदस्यता बढ़ाने की मुहीम चला रही है. अच्छी बात है करना भी चाहिए पर क्या महज फॉर्म भर देने से या sms कर के सदस्य बन जाने से कोई व्यक्ति पार्टी का सच में कार्यकर्ता बनता है? क्या वो लोग वोट भी देंगे पार्टी को जब बीजेपी कांग्रेस द्वारा फैलाये झूट से प्रभावित हो जायेंगे तब?
मै बैंगलोर में रहता हूँ, कहने को यहाँ आप के 20000 सदस्य थे आज से ४ महीने पहले. पर आज तक मैंने किसी भी कार्यक्रम में 200 से 300 सदस्यों से ज्यादा को नहीं देखा सिवाय उस दिन के जब अरविन्द खुद यहाँ आये थे.
मेरे विचार से पार्टी को सदस्य बनाने में इतना भी मशगुल नहीं होना चाहिए और इतना भी खुश नहीं होना चाहिए की पार्टी जो अच्छा काम दिल्ली सरकार में कर रही है वो भी लोगों तक न पहुच सके. और वही व्यक्ति जो सदस्यता फॉर्म भर कर जब अपने मोबाइल पर फेसबुक खोले तो बीजेपी और कांग्रेस के फैलाये झूट को पढ़ कर आप पार्टी से नफरत करने लगे. टीवी का मीडिया आम आदमी पार्टी का कभी साथ नहीं देगा ये तय है, जैसे ही मीडिया को बीजेपी और कांग्रेस से पैसा मिलेगा वो अपना असली रूप दिखायेगा. सोशल मीडिया ही आप की असली ताकत है और वो लोग भी सो जायेंगे तो हो गया समझो...
कहने का मतलब बस ये है की:- "कहीं हम जीत के नशे में इतने गुम तो नहीं है की जब नशा उतरेगा तो पूरा घर लुटा हुवा पाएंगे?".......SS

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