Friday, January 3, 2014

आम आदमी पार्टी को पत्र ,… लोकसभा चुनाव 2014 के बारे में



आदरणीय, आम आदमी पार्टी

विषय :- लोकसभा चुनाव की तैयारी
जी हमें स्रोतो से यह पता चला है कि AAP ने निर्णय लिया है के 2014 के चुनाव में हम 300 सीटो पर लड़ने की तैयारी कर रहे है, इस विषय में मैं आपको अपनी सोंच से अवगत कराना चाहता था ,…
मैं कौन ?…जैसा की आपको ज्ञात होगा की आंदोलन और चुनाव के दौरान हज़ारो अज्ञात चेहरो (faceless volunteers) ने सोशल मीडिआ से लगाकर जमीन तक बहुत ही श्रद्धा और पूरी मेहनत से काम किया था ,.... मैं उन्ही अज्ञात चेहरो में से एक और मेरा विचार यह है की,…..
हम 2014 का चुनाव केंद्र में सरकार बनाने के लिए नहीं बल्कि "आप" को राष्ट्रीय स्तर पर खड़ा करने के लिए लड़ रहे है
मेरी समझ से शायद यही उद्धेशय है क्योंकि हकीकत ये है कि लोकसभा चुनाव, दिल्ली चुनाव से कहीं ज्यादा मुस्किल होते है दिल्ली चुनाव में भी हमने mismanagement महसूस किया था अंतिम 3/4 दिनों में हमारा तालमेल और प्लानिंग बहुत गड़बड़ थी सबसे ज्यादा मुश्किल पोलिंग एजेंट बनाने में आई थी

2/3 अर्धशहरी लोकसभा के क्षेत्र का निरीक्षण करने के बाद मुझे पता चला की साधारण रूप से लोकसभा का क्षेत्रफल काफी काफी ज्यादा होता है
पर मुझे चिंता क्षेत्रफल की नहीं ,… वो तो हम मेहनत करके कवर कर सकते है पर आपको तो पता ही होगा की resources भी लिमिटेड है और समय भी
तो ऐसी स्थिति में 300 सीटो पर लड़ना और जीतना बहुत मुश्किल होगा

सवाल जीतने या हारने का नहीं है ,.... हम एक उद्देश्य के लिए काम कर रहे है ,… जीत हार से नहीं डरते पर यदि 300 सीटो पर लड़े तो हार बड़ी दिखेगी बजाय उन सीटो की जीत के जिनमे हम जीते ,....
यदि आगामी चुनाव में हम पूरे देश से 50 सीटे भी जीतते है तो ,.... ये एक बड़ी जीत होगी ,.... और सम्माननीय ,....

अब अगर 100 में 50 जीते तो,… जीत बड़ी है ,....
300 में 50 तो जीत छोटी,और 300 में लड़ने की वजह से हमारी ताकत भी बँट जायेगी ,… और इस जल्दबाज़ी में कई गंदे लालची और अवाँछित लोग पार्टी में प्रवेश कर पाएंगे ,… जो हम बिलकुल नहीं चाहते ,…

मेरा सुझाव है कि हमें हर राज्य में कम से कम उसकी राजधानी में और उसके बड़े शहरो में लड़ना चाहिय ,… और दिल्ली से जुड़े एवं बड़े राज्यो में जैसे हरियाणा उत्तर प्रदेश महाराष्ट्र में ज्यादा सीटो पर लड़ना चाहिए ,…

परन्तु हर राज्य में कम से कम १ या २ सीट पर जरुर लड़े और उस राज्य में जो भी AAP का आगे जा कर चेहरा बन सके उसे ही लड़ाये ,… इससे पूरे देश में उपस्थिति भी हो जायेगी और प्रचार भी ,… पहचान और चेहरा भी ,.... फिर लोकसभा के बाद एक एक करके ,.... सारे राज्यो में चुनाव की तयारी करनी चाहिए

राज्यो में सीटो का चुनाव करते समय भ्रष्ट नेताओ और चेहरो का भी ख़याल रखे ,.... जैसे सलमान खुर्सीद , कलमाड़ी, कनिमोजी , येदुरप्पा , मुलायम सिंह , नीरज तिवारी , गडकरी , सिब्बल इत्यादि ,....

ऊपर से जब हम 300 में लड़ेंगे, तो वोट कटुआ होने का भी सन्देश जनता में जायेगा, जो की गलत होगा और त्रिशंकु कि परिस्थिति में हमें फिर किसी ना किसी को सहयोग देना लेना पड़ सकता है जो की आत्मघाती होगा ,…

अंत में सिर्फ इतना कहना चाहेंगे कि "हल्का तवा जल्दी गर्म होता है और ठंडा भी ,.... ऊपर से हल्के तवे में बनी रोटी अक्सर कच्ची रह जाती है ",.,.......

आशा है कि इस अज्ञात आम आदमी ,… जो की वास्तव में देश में बदलाव चाहता है उसकी बात पर ध्यान जरुर देंगे ,… आप हाँ AAP ,.... धन्यवाद

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