Friday, January 17, 2014

सर सर ओ सर ......वी लव यू

पागलों कि टोली ... राखी बिड़ला और क़ानून मंत्री आधी रात को शहर कि क़ानून व्यवस्था का जायजा लेने के लिए घर से बाहर निकलते हैं वो भी इतनी सर्दी में ...ऊपर से उनकी क्लास लेने कि जगह उनका साथ देने आ गया अरविन्द...भला पुलिस से भी कोई पंगा लेता है वो भी आम आदमी के लिए..?..जो पार्टी समर्थन दे रही है २४ घंटे उसी पार्टी के पीछे पड़ा रहता है .कोई मौका नहीं छोड़ता उनकी ऐसी कि तैसी करने कि .शहर में सब आराम से चल रहा था मगर आते ही अफरा तफरी मचा दिया ..किसीको जैल भेज दिया किसीका तबादला कर दिया .एक बेवकूफी की हो तो बताऊँ .शीला के खिलाफ चुनाव में खड़े होने का रिस्क हो या अमेठी में कुमार विश्वास को राहुल के सामने लड़वाने का फैसला .बवकूफी पे बेवकूफी .अगर दुश्मन से निपटना ही है तो एक एक करके निपटता एक साथ सबसे भिड़ने कि क्या जरूरत है ?..जनता को तो आदत पड़ चुकी थी जैसे तैसे जीने कि फिर क्या जरूरत पड़ी थी उनकी जगाने कि..?..रोज गालियां खाने कि आदत है शायद इस आदमी को ...अब कहता है मजबूत लोकपाल लाऊंगा अरे जिस अन्ना ने लोकपाल कि लड़ाई कि शुरुवात करी थी जब वो ही पीछे हट गए तो तुम्हारे सर में कोई कीड़ा है क्या ..?..खुद भी सोता नहीं है और मुझे जैसे जाने कितने लोगों को भी काम पे लगा रखा है सबसे बड़ी दिक्कत ये है कि दुश्मन हर पल पीछे पड़ा है ..हर पल हमला कर रहे हैं ..याद रखना उन्हें सिर्फ एक बार कामयाब होने कि जरूरत है और अरविन्द को हर बार कामयाब होकर दिखाना होगा ...हमने भी किन पागलो को सत्ता सौंप दी यार ..किसीको सर फ़िल्म का वो गाना याद है..?.. आज हमने दिल का हर किस्सा तमाम कर दिया खुद भी पागल हो गए हमको भी पागल कर दिया . सर सर ओ सर ......वी लव यू

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