Friday, January 5, 2018

सोंचता हूँ - ऐसे कैसे ??

आये दिन ,...
खबर आती है की ,...
इस गाँव में ,...कभी उस गाँव में ,.....
कोई मर गया.
भूख से ,...
सोंचता हूँ - ऐसे कैसे ??
उस गाँव में,..
उस गाँव में,...कोई और,.. जिन्दा नहीं था??,.... या
उस गाँव में,...कोई और,.. समर्थ नहीं था ??
पता नहीं ऐसे कैसे,..हो रहा है / हो सकता है ??
क्योंकि ,... हमने,.. जो सभ्यता ,..
जो समरसता ,... देखी है ,..
अपने गाँवों में ,....
उसमे ,... कोई एक भूख,... से नहीं मर सकता था ,...
एक भूख से नहीं मर सकता था ,...
क्योंकि गाँव के बाँकी लोग ,.. उन एक - दो ख्याल रखते थे ,...
हमें याद ,...
कितने लोग ,... गेंहू - दाल - मठ्ठा - शकरकंद - आलू आदि ऐसे ही ,... एक दुसरे को दिया लिया करते थे ,...
लेकिन हकीकत है की लोग मर रहे है ,... तो
तो क्या ,..."देना लेना - बंद हो गया - गाँव में" ?? #NagShukl

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