Tuesday, October 29, 2013

चलो दिल्ली .....पर क्यों चलो दिल्ली ...

चलो दिल्ली .....पर क्यों चलो दिल्ली?...
दोस्त, आपको दिल्ली आना है ...पर क्यों आना है दिल्ली?

दोस्त, आपको दिल्ली इसलिए आना है क्योंकि ....आज तक जितने बार भी ...जब जब भी आप अपने शहर और गाँव में ..मोमबत्ती ले इन्साफ के लिए अपने घर से निकले थे ..उन सारी लड़ाइयों का ....एक निर्णायक युद्ध लड़ा जा रहा है दिल्ली में ...एक इतिहास लिखा जा रहा है दिल्ली में,....और आपको दिल्ली उसी युद्ध में उतरने के लिए आना है .....

ये युद्द है ..भ्रष्ट व्यवस्था और सच्चे लोकतंत्र के बीच ...
ये युद्द है ..पैसे से सत्ता और सत्ता से पैसे वाली राजनीति ...और देश के सच्ची समाज सेवा वाली राजनीति के बीच ...
ये युद्द है ..उस झूठ और पाखण्ड के खिलाफ ...जिसमे देश कि सर्वोच्च संस्था संसद में बैठ ..हमारे नेताओ ने अच्छे - अच्छे भाषण तो दिए थे ...पर जब करने का नंबर आया तो मुकर गए ...
ये युद्द है ..आम जनता के सम्मान का ...और हमारे नेताओ के अहंकार का ....अरे क्या माँग रही थी देश कि जनता ...क्या मांग रहे थे अन्ना ...सिर्फ जनलोकपाल ..एक ऐसी व्यवस्था जिसमे पारदर्शिता हो ...जो सच्चा लोकतंत्र हो ..स्वराज हो ...पर नहीं दिया ...धोखा दिया ....

धोखा दिया ...और क्या-क्या नहीं कहा ...सड़क पर नहीं बनते कानून .....गटर कीड़ो से बातचीत नहीं होती ..यही कहा था ना ?....याद है कि भूल गए? ....
ये युद्ध है उसी अपमान का ...ये अपमान किसी एक व्यक्ति या संस्था का नहीं था ..
ये अपमान था ..देश कि आत्मा का ...ये अपमान था ...देश कि जनता का ....
अरे जब हमारा संविधान कहता है ....कि जनता के लिए ..जनता के द्वारा ...
तो क्या मतलब बनता है ये कहने का ...कि ...
सड़क पर नहीं बनते कानून .....जनता के कहने से नहीं बनते कानून ....कोई बात नहीं हो सकती गटर के कीड़ो से ...
ये भी कहा गया था ...कि ..
गर चाहिए कानून ...तो लड़ो चुनाव ...और ले लो ...जनलोकपाल ..ले लो स्वराज ...ले लो सम्मान ...
पर ऐसे नहीं देंगे ...चुनाव लड़ो ...और जीत लो ..ले लो ....

किसे चाहिए था "जनलोकपाल"
किसे चाहिए थे "स्वराज" ....
किसका हुआ था अपमान ....जनाब सिर्फ आपका ..इस देश कि जनता का .....
हमारे नेताओ ने ...खुले आम जनता का ...जनता की भावनाओ का ...और उस तरीके का ....
जिस तरीके से ...आज़ाद हुआ था हमारे देश ..खुले आम मजाक बनाया था ...और दी थी चुनौती ..चुनाव की...

क्यों दी थी चुनौती ..चुनाव की ...
इसीलिए ना कि ..उनको भरोषा है ..अपने उस महा भ्रष्ट राजनीतिक तौर - तरीके पर ....
उन्हें विस्वास था ..कि वो अपने छल - प्रपंच और दारु पैसे के आधार पर जीतने नहीं देंगे ...इसीलिए ना ...

पर शायद वो ये भूल गए थे ...कि अपने दंभ में ..आकर उन्होंने किसे चुनौती दे दी ...
अरे जनाब आपको ..चुनौती दे दी ...हमें चुनौती दे दी ....
क्या जीत सकते है ये ....हमारे ही दम पर ...हमको ही बेवकूफ बना ...और हमें - आप से लड़ा ....
नहीं गुजर गया वो दौर ..जब नेता थे वो हमारे ...
खो चुके है वो विस्वास ..और हमारे भाग्य विधाता होने का हक़ ....
अब नहीं ..अब हम समझ चुके है ...अब आप खुद युद्ध में कूद चुके है ....
अब आप कूदे है ..तो हम इन्हे जीतने नहीं देंगे ....

और वैसे भी ....ये जीत नहीं सकते ....पर है आपको ....आपका आमंत्रण ...कि शामिल हो दिल्ली के इस युद्ध में ....ताकि बता सके भविष्य को ....
कि हाँ ...हम हिस्सा थे उस बदलाव का ...जिसने तुम्हे दिया है ....एक समृद्ध राष्ट्र ....और अछय सम्मान ....

दोस्त दिल्ली का चुनाव ..कोई चुनाव मात्र नहीं है ...
ये शुरुवात है ....सच्चे लोकतंत्र की..
ये शुरुवात है ...स्वराज की ....
ये शुरुवात है,... उस समाज की ...जिसे कोई बाँट ना पाये ...आपस में लड़ा भिड़ा नहीं पाये ....
ये शुरुवात है,...उस व्यवस्था की ..जिसमे आपको वो मिले ...जो सही है ...देश के लिए ..आपके लिए ..और आपके बच्चो के भविष्य के लिए .....

जाग चुकी है दिल्ली ....और आप,...जीत चुके हो ये युद्ध ....
4 दिसंबर को तो ये भ्रष्ट राजनीति ....अपनी हार मानेगी ..और
8 दिसंबर को होगा ...जनता की जीत का ऐलान ....उस जीत का ऐलान ...जिसके लिए आप निकले थे अपने घर से ..कभी एक मोमबत्ती और कुछ सपने लेकर .....और मानेगा जश्न आपकी इस जीत और बदलाव कि शुरुवात का 29 दिसंबर को ..उसी रामलीला मैदान में ....जिसमे दिया गया सबसे बड़ा धोखा ....

पर आना है आपको,...
आपको आना है,....इस यज्ञ में ..अपने हिस्से कि आहुति देने ...और दिल्ली वालो को ये बताने कि ....
दोस्त, आप दिल्ली बदलो ....हम देश बदलेंगे .....
अब ना भटकेंगे ...अब ना रुकेंगे ...आप दिल्ली बदलो ....हम देश बदलेंगे ...

आप को आना है ...दिल्ली कि इस रणभूमि से ...एक चिंगारी लेने ....
ताकि जला सके एक ....मशाल ..वहाँ जहां आपका घर है ...और दिखा सके रोशनी उनको जो आपके अपने है ....
बदल सके उनका जीवन ...जिनके लिए आप जीते है .....आना है आपको ..और इसलिए आना है आपको ....

पर युद्ध में आने से पहले ..पैने कर लो ..अपने हथियार ....कर लो तैयारी ..और पढ़ लो स्वराज .....समझ लो स्वराज ..समझ लो RTI ....
मिलेंगे दिल्ली दिल्ली में ...आपको आपके वो साथी ....जिन्होंने थाम रख्खी है ...ये धधनकती मशाल ...जो मिटा रही भ्रष्टाचार के अँधेरे को ....और फैलाएगी ...सदाचार कि रौशनी ....

तो करो तैयारी ...क्योंकि ये है अंतिम आवाज़ ....अंतिम आवाज़ .की ....
बढ़ो ..लड़ो ..और बदल दो तकदीर देश कि ...बदल दो तस्वीर समाज की ....

रखो नीव उस संकल्पना कि जो थी ...शहीद भगत सिंह कि ...आज़ाद की ...शास्त्री और कलाम की .....
हम तैयार है .....आपके स्वागत के लिए दिल्ली में ...हमसे बात करो ....
08588833525
08588833537
08588833534
09873703054
07830398955......
छोड़ो कल की बांते,....कल की बात पुरानी.....
उठो धरा के अमर सपूतो ..पुनः नया निर्माण करो .....नागेन्द्र शुक्ल
Please Provide Your Data @ http://goo.gl/oG1w6e

Download & Read Swaraaj => http://iacmumbai.org/downloads.php?id=Tmc9PQ==
Part 1- https://www.youtube.com/watch?v=kJwvsMy83Lw (Just 7 min, glimpse of Swaraaj)
Part 2- https://www.youtube.com/watch?v=sv5v5qem2l4
Part 3- https://www.youtube.com/

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