Tuesday, October 8, 2013

कहानी कभी हकीकत से जन्म लेती है ....तो कभी हकीकत कहानी से ....


अरविंद की आम-आदमी-कृत-राजनीति देखकर “नायक” मूवी की याद आती है .. नेताओं वाली कोई चालाकी, लच्छेदार बातें हैं ही नहीं, केवल आम आदमी वाली सच्चाई और सरलता है, इसीलिए अरविंद की, दिल से बोली बात, सीधे लोगों के दिल तक पहुँचती भी है। दिल्ली अपना दिल दे रही है... और 4 दिसंबर को वोट भी देने वाली है।

वो कहते है ना की फिल्मे समाज का आईना होती है या फिर कोरी कल्पना यानी की सपना ...और सपने तो पाये जा सकते है यदि सच्चे प्रयास किये जाए ...
देश की जनता ने एक फिल्म नायक में भ्रष्टाचार रहित व्यवस्था का सपना देखा था ....जिसे सच करने के लिए अब आम आदमी प्रेरित और कार्यरत है ....
और दूसरी तरफ समाज का आईना दिखाने वाली श्रेणी में "सत्याग्रह" जो की बता रही है ..की कैसे जन्म हुआ इस सामाजिक और राजनीतिक क्रांति का यह ये भी बताती है की आम आदमी पार्टी में लोग कैसे जुड़े और कैसे और क्यों पड़ी नीव आम आदमी पार्टी की ..पर हाँ ये दोनों सिर्फ एक कहानी है ...

कहानी कभी हकीकत से जन्म लेती है ....तो कभी हकीकत कहानी से ....

आजतक हमने सत्य घटना से प्रेरित फिल्में देखी हैं, अब की बार फिल्म से प्रेरित और कहीं ज्यादा सुखद सत्य घटना को अपने जीवन के पर्दे पर देखेंगे... जब नेताओं द्वारा “साफ-राजनीति करके दिखने की चुनौती” को आम आदमी न केवल स्वीकार करेगा बल्कि करके भी दिखाएगा ।
रामलीला मैदान में अपनी सीट रिजर्व करने के लिए पहले ही “रुमाल डाल आयें” , क्योंकि 29 दिसम्बर को यहाँ सत्याग्रह-2 के सुखद और अहम् पड़ाव,....वाली घटना होगी जब दिल्ली वालों के सहयोग से बनी आम आदमी की सरकार ,...अन्नाजी वाले लोकपाल/लोकायुक्त बिल को पास करेगी जो कि ये भी सुनिश्चित करेगा कि खुद AAP के नव-निर्वाचित विधायक भ्रष्ट न हो जाएँ ।

#DelhiDeservesBest #Vote4AAP #AAP
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