Saturday, April 8, 2017

पौधा हूँ यूँ ही पल गया ,...

पौधा हूँ - नन्हा सा ,...
अब तक,..यूँ ही पल गया ,...
हैरान हो कैसे ??,...
कैसे तुम्हारे कहर से बच गया ,... ना ,..
ना ,.. कहाँ बचा अभी?,...
अभी तो चिलचिलाती धुप झेलनी है ,..
लू के थपेड़े सहने है ,...
तुम्हारी गाड़ी का ,.. गर्म धुवाँ ,...
और ,...
तुम्हारे AC की गर्म हवा ,... में जिन्दा रहना है ,...
पर जिन्दा रहना है ,... तुम्हारे लिए
जिन्दा रहना है ,... तुम्हारे लिए,...
बच गया,..
बच गया तो ,.. बारिश का प्यार पाऊँगा ,.
सावन का दुलार पाउँगा ,...
कुछ ऐसे ही ,.... भगवान् ने चाहा तो,..
तो पल जाऊँगा ,...
पल ना पाया तो ,...
तो ,...मोक्ष पाउँगा ,... मोक्ष पाउँगा ,...
मैं इंसान थोड़ी हूँ ,...
मैं इंसान थोड़ी हूँ ,... जो ,.. .
जो स्वर्ग नर्क के चक्कर में ,... फंस जाऊँगा ,..
मैं तो मोक्ष ही पाउँगा ,..
मैं इंसान थोड़ी हूँ ,... मैं तो एक पौधा हूँ ,...
मैं तो मोक्ष ही पाउँगा ,..
क्योंकि ,..
मैं तो मरते दम तक,... करूँगा काम वही ,..
जिसके लिए - ईश्वर ने रचा ,..
तुम इंसान हो ,... याद रख सकते हो ,...
तुम याद रख सकते हो ,.. इसलिए भूल जाते हो ,..
इसलिए भूल जाते हो ,..ईश्वर ने तुमको क्यों रचा ,...
इंसान थोड़ी हूँ ,.. मैं तो एक पौधा हूँ,...
मैं याद नहीं रखता ,.. क्योंकि मुझे मालूम है
ईश्वर ने मुझे क्यों रचा ,..
...............to be continues,.... #NagShukl #ChaloDeshSudhare

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