Wednesday, December 7, 2016

आज ,.. आप डर गए ,... हम डर गए ,... ???तो क्या ख़ाक लड़ेंगे ?

तो अरविन्द जी आप का कहना है की आप अपने दान दाताओं की नाम इसलिए नहीं जारी कर सकते क्योंकि ,...
विरोधी उनको परेशान करते है ,...
वैसे हम आपके इस तर्क को मान जरूर लेते ,... पर ,...
पर आपका ये तर्क ,...
हमारी ही क्षमता पर सवाल उठाता है ? तो कैसे मान लें,...
 की हम डर गए ,... इसलिए नाम ना बताना ठीक है ?

और अगर हम इतना ही डरते होते ,तो,... तो लड़ते कैसे ??
हम कब से डरने लगे ?? जहाँ तक मेरी जानकारी है ,...
पहले तो हम ना डरते थे ,...
हम ना डरते थे,.... जब हम शीला दिक्षित के घर धरना करते थे ?
हम ना डरते थे,... जब हमें कोई सलमान खुर्शीद ,... कहता थे फरुखाबाद आके तो दिखाओ ,..
हम तब भी नहीं डरे ,... जब हमने सांसदों का घेराव किया ,...
डरे तो हम तब भी ,.. जब राष्ट्रपति भवन को कूच किया ,...
हम तब नहीं डरे ,... जब 26 जनवरी का कार्यक्रम सर पर था और हमने रेल भवन के सामने चक्का जाम किया ,...

और आप डर गए ,...
अरे आप तो तब नहीं डरे ,... जब शीला दिक्षित,.... अरे शीला क्या नरेंद्र मोदी के खिलाफ जा भिड़े ,...
आप तो तब नहीं डरे ,... जब मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दिया ,...

पर आज ,...
पर आज ,...  आप डर गए ,... और हम डर गये ,....
आप डर गए ,... और हम डर गये ,...
मतलब ???

और हमने तो सुना था की ,... डरता सिर्फ वो है जिसके पास कुछ खोने के लिए होता है तो ,...
तो हम क्या समझें ,....
तब हमारे / आपके पास खोने को कुछ नहीं था ,... और आज है ,...
इसलिए आज ,.. आप डर गए ,... हम डर गए ,...

अब अगर हम डर गए ,... तो क्या ख़ाक लड़ेंगे ?
अब अगर हम डर गए ,...तो क्या ख़ाक जीतेंगे ??
अब अगर हम डर गए ,...तो क्या ख़ाक ,... करेंगे "व्यवस्था" परिवर्तन ,..

अरविन्द जी ,...
आप डर गये ,... हम डर गए ,...
गर ऐसा है तो ,...
तो फिर बचा ही क्या ??? लड़ने और जीतने के लिए ,...

अरविन्द जी ,... #NoListNoDonation हमारी माँग नहीं - जिद है

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