Friday, December 22, 2017

गुरु का थैला

गुरु का थैला
क्यूं शोर मचाते हो अगर उठा लेते हैं हम
थैला हमारे गुरु का
यकीन करो इसमें रिश्वत का धन नहीं
कोई हथियार, बम या गन नहीं
इसमें तो है सुंदर प्रार्थनाएं, कुछ नन्हीं कहानियां
इनमें चौक और डस्टर हैं
थोड़ी सी टॉफियां और मूंगफलियां भी हैं
जब भी कोई रोता है
तो इन्हीं से चुप
है
मेरे गुरु को अपशब्द कहते हो
उन्हें अखबार की सुर्खियों में टांग सा देते हो
इन्हीं के हाथों में तो तुम्हारे मुन्ने मानव बनते हैं
उनके हाथों में ही तुम्हारी गुड़ियाएं चहकती
महकती और नाचती हैं
वे ही तो बनाते हैं उन्हें मैरी कॉम सा निडर
और टेरेसा सा करुणामय
मेरे उन गुरुजनों का थैला मुझे उठाने दो
उनके भरोसे को मुझमें
और मेरे भरोसे को उनके मन में पलने दो
मेरे नन्हें कदमों को
उनके सुरक्षित पदचिन्हों पर चलने दो !!!!! Credits to Unknown.


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