Sunday, September 9, 2018

उस दिन की ही तो बात है ,....

उस दिन की ही तो बात है ,....
गर्मी की छुट्टी थी ,... दोपहर का समय ,..... गूलर का पेड़ और उसकी छाँव में - वो 5 नंबर का पत्थर ही तो था ,....
जिसपे कुछ बैठे थे ,... कुछ सामने दीवार से सटे खड़े थे ,... और कुछ उधर दीवार पर टेक ले खड़े थे ,..
शायद बिजली आ नहीं रही थी ,... धुप तेज़ थी,... लू भी ,.... आह स्वर्ग
हम्म्म ,.... स्वर्ग ,..
स्वर्ग क्या ???,....ओय ,... स्वर्ग वही था उल्लू !!

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