Friday, February 10, 2017

कल उत्तर प्रदेश में ,.... पहले चरण के वोट पड़ने है ,..

कल उत्तर प्रदेश में ,.... पहले चरण के वोट पड़ने है
हम्म ,.....
तो मुझे जो दिख रहा है वो ये की ,....
प्रदेश का चुनाव ,....इस मुकाम पर आ कर ,... एक चेहरे पर टिक गया ,...
और वो चेहरा है ,... अखिलेश यादव ,.. और इतिहास ,...

और इतिहास गवाह है ,...
जब जब चुनाव किसी चेहरे पर आ के टिका है ,... वो चेहरा जीता है
चाहे वो चेहरा ,... इंदिरा गाँधी का रहा हो ,... या राजीव का ,... या वीपी सिंह का ,... या अटल का ,... या मोदी का ,... या नितीश, ममता, अरविन्द का ,...

हर बार ,...
जब जब चुनाव किसी चेहरे पर आ के टिका है ,... वो चेहरा जीता है 
तो इस लिहाज से ,...
आज हम घोषणा कर रहे है ,... उत्तर प्रदेश का अगला मुख्यमंत्री ,... अकलेश है ,...

खैर ,... अब ,..
अब जो समझ नहीं आ रहा वो ये की ,...
की इतनी बड़ी ,.. इतनी बड़ी गलती ,... स्वयं नरेंद्र मोदी और उनके वो कॉर्पोरेट कंपनी के सुपरवाइज़र ,... अमित शाह ने कैसे कर दी ,... कैसे होने दी ??

अब अगर ,.. उत्तर प्रदेश में ,.. भाजपा को बचाना ,.. बनाये रखना है ,.. तो
तो ,..
इस चेहरे की लड़ाई में ,... कोई चेहरा उतारना पड़ेगा ,...

और आज के हालात में सिर्फ एक ,...
सिर्फ एक चेहरा - राजनाथ बेहतर कर सकता है ,...
ये शायद ,.. राजनाथ का डिमोशन होगा ,... या कहें पार्टी के लिए बलिदान ,...
पर ना ये डिमोशन ना ही बलिदान ,.... अडवाणी की तपस्या  से बड़ा होगा ,...

लेकिन ,... वो नरेंद्र मोदी और उनका सुपरवाइज़र ,... अमित शाह
जो दम्भ भरते थे ,... "कांग्रेस मुक्त भारत",...

काफी हद तक उसमे सफल है ,... क्योंकि ,... ये जो जोड़ी ,.. यूपी को पसंद है ,... उसमे जो चेहरा छूमिल हो - गर्त में गया ,...
वो है ,... राहुल गाँधी का ,...

और अगर ,..
अगर भविष्य में ,... इस चेहरे की लड़ाई में ,... कांग्रेस के पास कोई चेहरा बचा है तो प्रियंका का ,...

खैर ,... खैर ,...
कांग्रेस के पास तो एक चेहरा ,.. इस जंग के बाद भी बचेगा ,.. पर ,..
पर ,.. भाजपा का क्या ???

हम ,...
हम तो शुरुवात से कहते आ रहे है की ,...
नरेंद्र मोदी और उनका सुपरवाइज़र ,... अमित शाह,...
कह जरूर रहें है ,... "कांग्रेस मुक्त भारत",... पर ,..
पर ख़त्म भाजपा को कर रहे है ,....

यूपी में भाजपा ,.. पिछले ३ साल में कोई चेहरा ना ढूँढ पायी ??
जो थे ,... वरुण गाँधी ,.. आदित्यनाथ ,... सब ख़त्म ,... सब ख़त्म ,...

और ऐसा हुआ क्यों ?? क्योंकि इस चेहरे की लड़ाई में ,...
माननीय ,.. नरेंद्र मोदी और उनके सुपरवाइज़र ,... अमित शाह,... डर गए ,...

वो डर गये ?? हाँ ,.. डर गए ,.. और डरे विरोधी चेहरो से नहीं ,...
उन चेहरो से ,.. जो उनके घर के थे ,..

पुराणी पीढ़ी के चेहरे तो पहले ही छुपा चुके थे ये ,...
नयी पीढ़ी को भी किनारे कर दिया ,...
और इस कॉर्पोरेट मानसिकता ,... और "बूथ जीतो - चुनाव जीतो" एप्रोच ने ,...
साथ ला दिए ,... स्मृति ईरानी ,.. मनोज तिवारी ,.. जैसे चेहरे ,..

इन चेहरो से,.... उनकी सरकार तो चल सकती है ,...
उनके चेहरे को ,.. कोई कड़ी टक्कर नहीं मिलेगी - ये सच है ,.. ,

 पर जनाब ,...
अपने घरवालो के चेहरे छुपा ,.... झुका ,.. कोई ,..
कोई कितने दिन ,.. सर उठा - चल सका है बाजार में ???,...

इस सवाल के साथ ,... शुभरात्रि ,... #MyFridayEvening #ChaloDeshSudhare #NagShukl

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