Wednesday, February 1, 2017

मेरा अस्तित्व बूँद सा ,....या,.. विराट

अजीब हालात है ,..... मेरा अस्तित्व बूँद सा ,....
आजकल ,...
आप communal है या Secular ,...
आप देशभक्त है या देशद्रोही ,...
आप मनुवादी है या समाजवादी ,...
ये सब ,...

ये सब पता चलता है इस बात से की ,... आज आप किस पार्टी का समर्थन  कर  रहे है ,....
तो इस हिसाब से हम कंफ्यूज हैं ,.... आखिर हम हैं क्या ???

उस वक्त तक ,... जब तक हम अरविन्द  लिए ,....
"वो कोने में खड़े खामोश वालंटियर हैं",.... तब तक हम भ्रष्टाचार विरोधी, सहिंष्णु , सेक्युलर है ,....

उस वक्त तक ,... जब तक हम चुपचाप मोदी जी के मन की बात सुनते रहे ,...
तब हम देशभक्त, कम्युनल, असहिष्णु, मनुवादी आदि है ,...

परंतु ,...
परंतु ,... हम चाहे "अरविन्द को" या "मोदी को",... किसी को ,..
किसी को भी ,... अपने मन की बात सुना दें तो ,...

तो ,... हम कुछ नहीं बचते ,....
कुछ नहीं मतलब ,.... कुछ नहीं बचते ,....
ना सेक्युलर , ना कम्युनल , ना मनुवादी , ना समाजवादी , ना सहिंष्णु ,.. ना असहिष्णु,...
कुछ नहीं ,...

और है क्यों ?? ऐसा है और इसलिए है क्योंकि ,....
जब तक चुप रहें ,... तुम्हारे मन की बात सुने ,.... तुम्हारे मन की बात कहें ,...
"हमारा अस्तित्व विराट है " और ,...
और जैसे ही हम ,... अपने मन की कहें ,...
"हमारा अस्तित्व कुछ नहीं है ",... हमारा अस्तित्व बूँद सा,.. #NagShukl
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