Saturday, June 7, 2014

केजरीवाल नहीं गडकरी फंस गए हैं!

केजरीवाल नहीं गडकरी फंस गए हैं!

नितिन गडकरी-अरविंद केजरीवाल मामले में ग़लत रिपोर्टिंग की जा रही है. इसका नमूना देखिए.
कई जगह तो यह भी बता दिया गया कि केजरीवाल बुरी तरह फंस गए हैं. उन्हें अब 2 साल की सज़ा होगी और वह सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइंस के मुताबिक चुनाव नहीं लड़ सकेंगे. भगवान बचाए ऐसे रिपोर्टरों और सबएडिटरों से. किसी ने यह नहीं बताया कि अब नितिन गडकरी को अब अदालत में अपनी सारी संपत्तियों और बिजली और चीनी बनाने वाली कंपनियों का ब्यौरा देना पड़ेगा. नागपुर में 100 एकड़ ज़मीन कैसे मिली यह भी बताना पड़ेगा. यह भी साफ़ करना पड़ेगा कि पूर्ति ग्रुप में निवेश करने वाली कंपनियों के पते फ़र्ज़ी क्यों हैं. उनका ड्राइवर कैसे कई कंपनियों का डायरेक्टर बन गया, उस ड्राइवर ने एक दो साल में ऐसा क्या किया कि उसके पास करोड़ों रुपए आ गए और वह कंपनी का मालिक बनकर
गडकरी की कंपनी में पैसे लगाने लगा.

गडकरी को इस पर भी स्पष्टीकरण देना पड़ेगा कि सड़क बनाने वाली कंपनी आईआरबी ने उन्हें 164 करोड़ रुपए क्यों दिए. आईआरबी कोई वित्तीय कंपनी तो है नहीं. शिवसेना-बीजेपी रिजिम में जब गडकरी पीडब्ल्यूडी मिनिस्टर थे तब, आईआरबी को ही सभी कॉन्ट्रैक्ट क्यों मिले, यह भी बताना पड़ेगा.

शायद भविष्य की आहट उन्हें लग गई है. इसीलिए कहा कि वह सुप्रीम कोर्ट तक लड़ेंगे. हां एक बात गडकरी के पक्ष में है, केंद्र में उनकी सरकार है, हो सकता है महाराष्ट्र में भी उनकी सरकार बन जाए. तब ज़रूर उन्हें मोहलत मिल सकती है.

अरविंद दरअसल, यही चाहते थे कि गडकरी की जांच कोर्ट के मार्गदर्शन में हो ताकि जांच सही हो. और, इस देश में कहीं भी अगर जांच सही हो गई तो किसी भी ईमानदार को कोई बेइमान और भ्रष्ट आदमी बाल भी बांका नहीं कर सकता.

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