Sunday, July 29, 2012

Thank You - Aamir Khan, सत्यमेव जयेते.

आमिर  खान, की एक और बेहतरीन कृति "सत्यमेव जयेते" का समापन हो गया! इन 13 episode मे आमिर खान ने देश को कितना झकझोरा इसका तो सही अनुमान नहीं है मुझे, पर दिमाग में  जोर डालने के बाद भी याद नहीं आता की सड़क पर मैंने कब कहाँ किसे, इसके बारे मैं बात करते हुए सुना!!.

पर मुझे ठीक से याद  है की जब थ्री idiots release  हुई तब मैंने FM पर, TV  पर, न्यूज़ channels पर इसके बारे मैं चाहे अनचाहे बहूत कुछ सुना था. मेरे कई करीबी दोस्तों ने मुझे बोला था की फिल्म देखी या नहीं. ऑफिस में , ऑफिस के सामने की चाय सिगरेट की दूकान मे  जाने अनजाने लोगो को बात करते सुना. कई बार तो वो लोग जो, उस ग्रुप का हिस्सा नहीं थे, उनको भी अपनी राय share करते सुना।

लगता है की अन्ना  हजारे, अरविन्द केजरीवाल की तरह आमिर खान की popularity कम हो गयी है!

जब आमिर खान को short term memory loss की बीमारी थी तो पूर  देश को उसकी याद थी। कई ने तो ठीक ठाक मेमोरी  के बाद भी बॉडी पर  कई जगह कुछ कुछ लिख लिया था। और हाँ,  सर के बाल तो सहानुभूति में बहुतों  ने,  एक लाइन के साथ कम करा लिए थे।

तब आमिर खान एक हीरो थे.. और आज, आज क्या हो गया?!
सच में मैंने किसी को रोड पर, चाय की दूकान पर या किसी भी ओपन प्लेस में  इस बारे में बात करते नहीं सुना,
आप अपने दिमाग पर  जोर डालिए, शायद याद आये की कब आपने किसी को इस बारे मे बात करते सुना हो, या बात की हो  - पर मुझे याद नहीं आता!

हाँ मेरे कुछ प्रिय मित्रों ने जरूर कई बार  समझाया की प्रक्टिकल बात किया करो, जो possible नहीं, उस पर दिमाग और टाइम क्यों waste करना!

Thank you - Aamir, कि last episode मैं आपने ये बताया की बिना किसी support के, Limited resources के साथ क्या क्या और कैसे किया जा सकता है 

हम  आखिर कब तब ideal एंड practical कि debate कर  कर  के टाइम  पास करते रहेंगे। हम कब start करेंगे!!!!

एक आखिरी बात, पता नहीं चक्कर क्या है की इस बार media अन्ना हजारे और उनकी टीम की रिपोर्टिंग कर रही या delibrately negative reporting. समझ नहीं आ रहा.
आप को क्या लगता है ?

पर मुझे एक वाकया याद आता है एक बार मेरा मोबाइल बस मैं छीन लिया गया, मैं बस से उतरा और 100 नंबर पर कॉल करके police के आने का इंतज़ार करता रहा!....India  is great,  finally Police आयी मुझे लगा की अब FIR लिखेगी, पर ये क्या FIR लिखने की बजाय,
Police FIR लिखाने और न लिखाने के फायदे और नुकसान बताने लगी!

आज न्यूज़ चेंनल्स की अन्ना हजारे के बारे मे रिपोर्टिंग भी कुछ ऐसी ही लग रही है !
कितने शर्म की बात है की न्यू चेन्नाल्स मैं discuss हो रहा है की जनता को अन्ना से सरोकार है की नहीं..
भीड़ क्यों नहीं आ रही, और भीड़ आई भी तो sunday को क्यो, क्या करने अन्ना का समर्थन या मौज ?

आपकी क्या राय है ? जो की important है 

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