कब तक "एडजस्ट" करेंगे आप ??
एक मेढक को खौलते हुए पानी में डाला गया, मेढक कूद कर निकल
गया |
कूदना मेढक का स्वभाव है, वो कूद सकता है, जहां अपनी जान पर
बनी हो वहाँ तो और भी तेज़ी से कूदेगा | अब उसी मेढक को एक
साधारण पानी में डाला गया और पानी का तापमान धीरे धीरे एक
एक डिग्री बढाया गया, मेढक ने "एडजस्ट" कर
लिया पानी का तापमान, सोचा अभी कूदने की जरूरतनहीं है, फिर
एक डिग्री बढा और फिर मेढक ने एडजस्ट कर लिया |
उसके बाद फिर एक डिग्री बढा पुन:एडजस्ट कर
किया लिया कूदना भूल गया और धीरे धीरे मेढक अपने स्वभाव
को ही भूल गया क्योकि अब वो हरतापमान और हर परिस्थति मे
खुद को एडजस्ट करना जो सीख गया है |
अन्तोगत्वा पानी का तापमान धीरे धीरे इतना बढ़
गया कि पानी खौलने लग गया और मेढक एडजस्ट
ही करता रहा और नहीं कूद पाया वंही मर गया |
ये कहानी नहीं है ये मेढक कोई नहीं ये हम और आप है,
जो एडजस्ट कर रहें है |
इस कांग्रेस सरकार के हर अत्याचार को सहन कर रहे है और
अपने आप को एडजस्ट कर रहे है|
पेट्रोल की कीमत बढाती बढती है तो हम पूल कार अथवा पब्लिक
ट्रांसपोर्ट का इस्तेमाल करके अपने आप को एडजस्ट करते है|
क़ीमतें आसमान छू रही है ,हम दुसरे ढंग से इसमें भी एडजस्ट
करते है |
जो हमें मिलनी चाहिए वो हमारे आँख के सामने ही किसी और
को दे दी जाती है सिर्फ वोट बैंक के खातिर , इसमें भी हम अपने
आप को एडजस्ट करते है कि शायद अगला मौका हमें मिले.....
हम भूल चुके है कि इस कांग्रेस सरकार ने एक एक डिग्री तापमान
बढ़ा करके हमारा स्वाभाव ही बदल दिया है और हम आज के दिन
में सिर्फ एक चीज जानते है एडजस्ट करना और वो करते रहेंगे
मरते दम तक|
मेरे भाइयो और बहनों ! आज के पानी तापमान अब हमारे लिए
ठीक है !
कांग्रेस-बीजेपी ने "एडजस्ट" करने को हमारी नियति बना दिया है
Chandrahas Prajapati
कब तक "एडजस्ट" करेंगे आप ??
एक मेढक को खौलते हुए पानी में डाला गया, मेढक कूद कर निकल
गया |
कूदना मेढक का स्वभाव है, वो कूद सकता है, जहां अपनी जान पर
बनी हो वहाँ तो और भी तेज़ी से कूदेगा | अब उसी मेढक को एक
साधारण पानी में डाला गया और पानी का तापमान धीरे धीरे एक
एक डिग्री बढाया गया, मेढक ने "एडजस्ट" कर
लिया पानी का तापमान, सोचा अभी कूदने की जरूरतनहीं है, फिर
एक डिग्री बढा और फिर मेढक ने एडजस्ट कर लिया |
उसके बाद फिर एक डिग्री बढा पुन:एडजस्ट कर
किया लिया कूदना भूल गया और धीरे धीरे मेढक अपने स्वभाव
को ही भूल गया क्योकि अब वो हरतापमान और हर परिस्थति मे
खुद को एडजस्ट करना जो सीख गया है |
अन्तोगत्वा पानी का तापमान धीरे धीरे इतना बढ़
गया कि पानी खौलने लग गया और मेढक एडजस्ट
ही करता रहा और नहीं कूद पाया वंही मर गया |
ये कहानी नहीं है ये मेढक कोई नहीं ये हम और आप है,
जो एडजस्ट कर रहें है |
इस कांग्रेस सरकार के हर अत्याचार को सहन कर रहे है और
अपने आप को एडजस्ट कर रहे है|
पेट्रोल की कीमत बढाती बढती है तो हम पूल कार अथवा पब्लिक
ट्रांसपोर्ट का इस्तेमाल करके अपने आप को एडजस्ट करते है|
क़ीमतें आसमान छू रही है ,हम दुसरे ढंग से इसमें भी एडजस्ट
करते है |
जो हमें मिलनी चाहिए वो हमारे आँख के सामने ही किसी और
को दे दी जाती है सिर्फ वोट बैंक के खातिर , इसमें भी हम अपने
आप को एडजस्ट करते है कि शायद अगला मौका हमें मिले.....
हम भूल चुके है कि इस कांग्रेस सरकार ने एक एक डिग्री तापमान
बढ़ा करके हमारा स्वाभाव ही बदल दिया है और हम आज के दिन
में सिर्फ एक चीज जानते है एडजस्ट करना और वो करते रहेंगे
मरते दम तक|
मेरे भाइयो और बहनों ! आज के पानी तापमान अब हमारे लिए
ठीक है !
कांग्रेस-बीजेपी ने "एडजस्ट" करने को हमारी नियति बना दिया है
एक मेढक को खौलते हुए पानी में डाला गया, मेढक कूद कर निकल
गया |
कूदना मेढक का स्वभाव है, वो कूद सकता है, जहां अपनी जान पर
बनी हो वहाँ तो और भी तेज़ी से कूदेगा | अब उसी मेढक को एक
साधारण पानी में डाला गया और पानी का तापमान धीरे धीरे एक
एक डिग्री बढाया गया, मेढक ने "एडजस्ट" कर
लिया पानी का तापमान, सोचा अभी कूदने की जरूरतनहीं है, फिर
एक डिग्री बढा और फिर मेढक ने एडजस्ट कर लिया |
उसके बाद फिर एक डिग्री बढा पुन:एडजस्ट कर
किया लिया कूदना भूल गया और धीरे धीरे मेढक अपने स्वभाव
को ही भूल गया क्योकि अब वो हरतापमान और हर परिस्थति मे
खुद को एडजस्ट करना जो सीख गया है |
अन्तोगत्वा पानी का तापमान धीरे धीरे इतना बढ़
गया कि पानी खौलने लग गया और मेढक एडजस्ट
ही करता रहा और नहीं कूद पाया वंही मर गया |
ये कहानी नहीं है ये मेढक कोई नहीं ये हम और आप है,
जो एडजस्ट कर रहें है |
इस कांग्रेस सरकार के हर अत्याचार को सहन कर रहे है और
अपने आप को एडजस्ट कर रहे है|
पेट्रोल की कीमत बढाती बढती है तो हम पूल कार अथवा पब्लिक
ट्रांसपोर्ट का इस्तेमाल करके अपने आप को एडजस्ट करते है|
क़ीमतें आसमान छू रही है ,हम दुसरे ढंग से इसमें भी एडजस्ट
करते है |
जो हमें मिलनी चाहिए वो हमारे आँख के सामने ही किसी और
को दे दी जाती है सिर्फ वोट बैंक के खातिर , इसमें भी हम अपने
आप को एडजस्ट करते है कि शायद अगला मौका हमें मिले.....
हम भूल चुके है कि इस कांग्रेस सरकार ने एक एक डिग्री तापमान
बढ़ा करके हमारा स्वाभाव ही बदल दिया है और हम आज के दिन
में सिर्फ एक चीज जानते है एडजस्ट करना और वो करते रहेंगे
मरते दम तक|
मेरे भाइयो और बहनों ! आज के पानी तापमान अब हमारे लिए
ठीक है !
कांग्रेस-बीजेपी ने "एडजस्ट" करने को हमारी नियति बना दिया है
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