आम आदमी ने तो अरविन्द जी से सिर्फ इतना ही सीखा है की .....जहां भी
भ्रस्ताचार हो ...जो भी कर रहा हो ..उसको उजागर करो ..जनता के सामने ले कर
आओ ....वो लोग जिन्हें हम वोट देते है ....जिनको हम अपना देश, अपना विशवास
देतें है वो क्या करतें है ..अच्छा या बुरा जनता के सामने होना चाहिए और
इसी काम के लिए दो पक्ष होतें है सत्ता पक्ष और विपक्ष .....और बांकी जन तक
दोनों बात को पहुँचाने की जिम्मेवारी मीडिया की ...और फिर मामले में
सच्चाई का पता लगाने की जिम्मेवारी पुलिस CBI वगैरह की ...और सही गलत का
फैसला न्यायलय की ..जिम्मेवारी है ...
एक आम आदमी जब वोट देने जा रहा है तो उसको पता ही होना चाहिए की ओ किसको और क्योँ वोट दे रहा है .....परन्तु जब वयस्था बिगड़ जाये ..और ये सब मिलकर जनता से सच्चाई ...छुपाने लगें ...धोखा देने लगें .....तो ये आम आदमी की जिम्मेवारी बनती है ....की वो आगे बढे और .....सच जानने की कोशिश करे ......और हाँ यह सब संभव सिर्फ तब होगा जब हम जागेंगे ...और हाँ ....किसी पर भी अंध विस्वास ही सारी परेशानियौं की जड़ है ...फिर वो चाहे ....अरविन्द जी पर ही क्योँ न हो ....या मोदी जी पर ....नागेन्द्र शुक्ल
एक आम आदमी जब वोट देने जा रहा है तो उसको पता ही होना चाहिए की ओ किसको और क्योँ वोट दे रहा है .....परन्तु जब वयस्था बिगड़ जाये ..और ये सब मिलकर जनता से सच्चाई ...छुपाने लगें ...धोखा देने लगें .....तो ये आम आदमी की जिम्मेवारी बनती है ....की वो आगे बढे और .....सच जानने की कोशिश करे ......और हाँ यह सब संभव सिर्फ तब होगा जब हम जागेंगे ...और हाँ ....किसी पर भी अंध विस्वास ही सारी परेशानियौं की जड़ है ...फिर वो चाहे ....अरविन्द जी पर ही क्योँ न हो ....या मोदी जी पर ....नागेन्द्र शुक्ल
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