जय जवान
- जय किसान
ये नारा
दिया था हमारे सबसे लोकप्रिय
और अपनी सादगी और संवेदना के
कारण लोगो के दिली में रहने
वाले प्रधानमन्त्री स्व.
श्री शास्त्री जी ने.
शास्त्री
जी ने समझा देश की अखंडता और
विकास के लिए जवानो की बन्दूक
में गोली और किसान के पेट में
रोटी तन में लंगोटी बहुत जरुरी
है ,… शायद इसीलिए
उन्होंने कहा "जय
जवान - जय किसान",....
उनके बाद
के समय में ,…जो थोड़ी
बहुत सुविधाये मिली वो हमारे
सैनिको को मिली ,…पर
देश के अन्नदाता के हालात धीरे
धीरे - बद से बदतर
होते चले गए और आज उस स्थिति
में है की छोटा किसान "ना
जीता है ना मरता है - बस
यूँ ही किसानो के दुर्भाग्य
और अनदेखी से लड़ता रहता है",....
तो हमारा
सुझाव ये है की,....जैसे
जवानो को टैक्स फ्री सामान
के लिए CSD कैंटीन है
हमारे किसानो (छोटे)
के लिए कुछ ऐसी व्यवस्था
होनी चाहिए
प्रस्ताव
है की,…
दिल्ली
में जब #AAP की सरकार
बने तो, तो हम किसानो
को किसी ना किसी तरह इस तरह की
सुविधा दें,
सरकार
के पास साधन सीमित है
इस पर
दिल्ली सरकार पर बहुत ज्यादा
बोझ आने की उम्मीद इसलिए नहीं
दिखती की ,....दिल्ली
में किसानो(छोटे)
की संख्या काफी कम
होगी।
फायदा
दिल्ली
में किसानो की संख्या कम है
- पर दिल्ली में #AAP
का ये विचार, पूरे
देश के सामने एक प्रश्न रखेगा
की ,.... हमारे देश में
छोटे किसानो के लिए कोई गंभीर
क्यों नहीं रहा ,.... दिल्ली
में आप की ये घोषणा - जन्म
देगी एक नयी और सार्थक बहस को
,.... की "किसानो
के लिए ऐसी व्यवस्था होनी
चाहिए अथवा नहीं",
इस बहस
का फायदा "आप"
को दो तरह से मिलेगा
1. दिल्ली
चुनाव में टीवी की बहसों में
AAP अपना सार्थक पहलू
रखेगी और कोई भी पार्टी इसका
खुला विरोध नहीं कर पाएगी
(दिल्ली में तो लागू
करने का खर्च भी कम होगा)
2. इस मांग
और मुद्दे से देश की बांकी
सरकारे और राजनीतिक दल भी
मजबूर होंगे इस दिशा में सोंचने
के लिए ,…तो अंतया
किसानो को फायदा होगा ,....
और ये आप का ऐसा मुद्दा
होगा जिसका विरोध कोई दल,
धर्म, जाति
या भाषा वाला नहीं कर पायेगा
छोटे
किसान से की मतलब ?
वो किसान
जिसके पास 5 एकड़ से
कम जमीन है उसे इस श्रेणी में
रख सकते है
छोटे
किसान को पहचाना कैसे जाएगा
?
सरकार के
पास सारा रिकॉर्ड होता है
दिल्ली में तो शायद ऑनलाइन
हो
पर CSD
कैंटीन जैसी व्यवस्था
को खड़ा करने के लिए ,…जमीन,
बिल्डिंग,
कर्मचारी वगैरह
भी लगेंगे वो कैसे ?
इस पर मेरे
दो सुझाव है ,…
पहला हम
किसानो को कूपन (जैसे
sudekso कूपन) जिनको
देकर किसान खुले बाजार में
कोई भी सामान टैक्स फ्री ले
सकती है इससे सरकार को किसी
बिल्डिंग (परिसर)
कर्मचारी इत्यादि का
खर्च नहीं पड़ेगा।
तकरीबन
हर जगह किसानो के लिए सोसाइटी
होती है - जहाँ से
उसे बीज - खाद इत्यादि
मिलता है ,.... वहीँ
से किसानो को कूपन दिए जा सकते
है
कूपन का
तरीका मात्र एक सुझाव है ,....आप
सोचेंगे तो बेहतर और आसान
तरीके निकालेंगे ,....
आप से
अनुरोध है - इस
मुद्दे को देश के पटल पर जरूर
रखे - क्योंकि
आज नहीं तो कल ,....कोई
ना कोई कुछ ऐसा उठायेगा जरूर
,....
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