कल आप (AAP) के आगाज़ में,....
आप (AAP) के साथ से,.....
चहुँ ओर था उल्लास भरा,
नवसृजन का मानो आभास भरा |
नाची धरती, गरजे अम्बर,
हम जीवित है , ये अहसास हुआ,....
हर मद्धिम मन था प्रखर हुआ,...
आम आदमी था, मुखर हुआ,.... हर दिल में थी, एक नयी उमंग,...
हर कोई था, एक दूजे के संग,....
बस बिखरे थे, 'स्वराज' के ही रंग,....आशा भरी ‘दीवाली’ थी,....
कल शाम बड़ी मतवाली थी ।।
बस आज़ादी, एक खुमारी थी, कल आप (AAP ) का आगाज़ था
हम बदलेंगे ये अहसास था ।।
मीडिया बताये न बताये ....अब हम मुहँ खोलेंगे
......और सबसे बोलेंगे ....हम कौन ...अरे आप (AAP ).
....नागेन्द्र शुक्ल
आप (AAP) के साथ से,.....
चहुँ ओर था उल्लास भरा,
नवसृजन का मानो आभास भरा |
नाची धरती, गरजे अम्बर,
हम जीवित है , ये अहसास हुआ,....
हर मद्धिम मन था प्रखर हुआ,...
आम आदमी था, मुखर हुआ,.... हर दिल में थी, एक नयी उमंग,...
हर कोई था, एक दूजे के संग,....
बस बिखरे थे, 'स्वराज' के ही रंग,....आशा भरी ‘दीवाली’ थी,....
कल शाम बड़ी मतवाली थी ।।
बस आज़ादी, एक खुमारी थी, कल आप (AAP ) का आगाज़ था
हम बदलेंगे ये अहसास था ।।
मीडिया बताये न बताये ....अब हम मुहँ खोलेंगे
......और सबसे बोलेंगे ....हम कौन ...अरे आप (AAP ).
....नागेन्द्र शुक्ल
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