दोस्तों, हम देश के छोटे शहरों से भी है बड़े शहरों में भी......और सबसे ज्यादा
तो गाँव में हैं......अब हमारे देश की परेशानी तो सभी को पता है.......हम
सभी जब छोटे थे...या यूं कहें की जब इन्वर्टर इतने चलन में नहीं थे ...या
फिर आज भी जिनकी जेब में पैसे कम...अर्थात जो अफ़्फोर्ड (वहन) नहीं कर सकते
उन सभी को एक चीज़ तो अभी भी आच्छी है और वो ...बिजली के चले जाने पर अड़ोसी -
पडोसी के साथ घर के बाहर या सड़क/पार्क में समय गुजारने का .....
वैसे बिजली के चले जाने का भी अपना ही मजा था.....इसकी तो आदत भी इतनी अच्छी थी की ....बस पढ़ने का टाइम हुआ ...और बिजली गयी......बस सोने का टाइम हुआ .....बस बिजली गयी.....अब तो १/२ घंटे मजे हैं ..कोई नहीं टोंकेगा......ऐसा होता था ना?....
चलो एक दिन का एक घंटा फिर वो मजा उठायें.....बिजली जाये या ना जाये आज शाम को 7 से 8 तक घर के सभी बिजली के उपकरण बंद कर देतें है.......उठातें है वो मजा जो इन्वर्टर की वजह से कहीं खो गया था.......
हाँ और एक बात थोडा फायदा भी होगा ......बिजली के दाम इतने महगे हो गए हैं की .......इस एक घंटे का कुछ फर्क नज़र आएगा ..इस महीने के बिल पर......
तो हम चाहे दिल्ली में हों या दिल्ली के बाहर....चलो 7 - 8 बिजली का सदुपयोग नहीं करतें है.....
और बतातें है ......इस सरकार को...की जब हम लाइट जलातें है .......तभी कोई शहर रोशन होता ...तभी कोई गाँव जगमगा सकता है......
क्यूंकि हम तो हम हैं................हम कौन.............आम आदमी..........
................नागेन्द्र शुक्ल.............
अरविन्द जी के आवाहन पर आज एक घंटे 7 से 8 तक घर के सभी बिजली के उपकरण बंद करतें है.......इस दौरान कुछ ऐसा लगे की जिंदगी रोशन हो........पर लाइट ना जले.......
वैसे बिजली के चले जाने का भी अपना ही मजा था.....इसकी तो आदत भी इतनी अच्छी थी की ....बस पढ़ने का टाइम हुआ ...और बिजली गयी......बस सोने का टाइम हुआ .....बस बिजली गयी.....अब तो १/२ घंटे मजे हैं ..कोई नहीं टोंकेगा......ऐसा होता था ना?....
चलो एक दिन का एक घंटा फिर वो मजा उठायें.....बिजली जाये या ना जाये आज शाम को 7 से 8 तक घर के सभी बिजली के उपकरण बंद कर देतें है.......उठातें है वो मजा जो इन्वर्टर की वजह से कहीं खो गया था.......
हाँ और एक बात थोडा फायदा भी होगा ......बिजली के दाम इतने महगे हो गए हैं की .......इस एक घंटे का कुछ फर्क नज़र आएगा ..इस महीने के बिल पर......
तो हम चाहे दिल्ली में हों या दिल्ली के बाहर....चलो 7 - 8 बिजली का सदुपयोग नहीं करतें है.....
और बतातें है ......इस सरकार को...की जब हम लाइट जलातें है .......तभी कोई शहर रोशन होता ...तभी कोई गाँव जगमगा सकता है......
क्यूंकि हम तो हम हैं................हम कौन.............आम आदमी..........
................नागेन्द्र शुक्ल.............
अरविन्द जी के आवाहन पर आज एक घंटे 7 से 8 तक घर के सभी बिजली के उपकरण बंद करतें है.......इस दौरान कुछ ऐसा लगे की जिंदगी रोशन हो........पर लाइट ना जले.......
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