अभी तो शुरुआत है......अरविन्द केजरीवाल की
पार्टी "आम आदमी पार्टी " ने आज 2 फरवरी 2013 को दिल्ली के नजफगढ़ विधानसभा
क्षेत्र में पहली जनसभा का आयोजन किया.....ये जनसभा जवाब है कुछ लोगों के
लिए------
उन लोगों को जवाब जो अभी तक ये कहते थे कि अरविन्द का जादू सिर्फ जंतर- मंतर तक सिमित है.....
उन लोगों को जवाब जो अभी तक ये कहते थे कि अरविन्द के पोल खोल से लोग उब चुके हैं...
उन लोगों को जवाब जो अभी तक ये कहते थे कि अरविन्द खुद कुछ नहीं बल्कि मीडिया द्वारा पैदा किया गया पानी का बुलबुला है...
उन लोगों को जवाब जो अभी तक ये कहते थे कि आज भारत में जनता को भ्रष्टाचार कोई बड़ा मुद्दा नहीं लगता बल्कि उनके लिए तो जाति/ धर्म ज्यादा महत्वपूर्ण है...
उन लोगों को जवाब जो अभी तक ये कहते थे कि इस देश का कुछ नहीं हो सकता क्योंकि लोग अब अच्छी राजनीती पसंद नहीं करते इसीलिए अपराधियों और भ्रष्टों को चुनते हैं..
मैं ये नहीं कह रहा कि ये सभा कोई बहुत बड़ी ऐतिहासिक घटना है....इतनी भीड़ तो कोई भी मौजूदा पार्टी का नेता जमा कर सकता है....पर..पर..
ये रेलियाँ इस बात की तरफ इशारा करती हैं कि लोग अब बिना किसी लालच के भी, बिना शराब या पैसे के भी व्यवस्था परिवर्तन के लिए इस नए आन्दोलन को महसूस करने, उन्हें सुनने , उन्हें समझने आने लगी है...
और उनका यूँ इस तरह बाहर आना इस लोकतंत्र के लिए अच्छी खबर है...
और आम आदमी पार्टी का मकसद भी तो यही है ना कि लोग अब अपने अधिकारों के लिए, अपने समाज के लिए, अपने राष्ट्र के लिए अपने घर से बाहर निकलें....है ना ????????
क्यों, कुछ गलत कहा क्या ?
डॉ राजेश गर्ग.
garg50@rediffmail.com
http://www.facebook.com/photo.php?fbid=531405510215918&set=a.454846544538482.96610.454826997873770&type=1&theater
उन लोगों को जवाब जो अभी तक ये कहते थे कि अरविन्द का जादू सिर्फ जंतर- मंतर तक सिमित है.....
उन लोगों को जवाब जो अभी तक ये कहते थे कि अरविन्द के पोल खोल से लोग उब चुके हैं...
उन लोगों को जवाब जो अभी तक ये कहते थे कि अरविन्द खुद कुछ नहीं बल्कि मीडिया द्वारा पैदा किया गया पानी का बुलबुला है...
उन लोगों को जवाब जो अभी तक ये कहते थे कि आज भारत में जनता को भ्रष्टाचार कोई बड़ा मुद्दा नहीं लगता बल्कि उनके लिए तो जाति/ धर्म ज्यादा महत्वपूर्ण है...
उन लोगों को जवाब जो अभी तक ये कहते थे कि इस देश का कुछ नहीं हो सकता क्योंकि लोग अब अच्छी राजनीती पसंद नहीं करते इसीलिए अपराधियों और भ्रष्टों को चुनते हैं..
मैं ये नहीं कह रहा कि ये सभा कोई बहुत बड़ी ऐतिहासिक घटना है....इतनी भीड़ तो कोई भी मौजूदा पार्टी का नेता जमा कर सकता है....पर..पर..
ये रेलियाँ इस बात की तरफ इशारा करती हैं कि लोग अब बिना किसी लालच के भी, बिना शराब या पैसे के भी व्यवस्था परिवर्तन के लिए इस नए आन्दोलन को महसूस करने, उन्हें सुनने , उन्हें समझने आने लगी है...
और उनका यूँ इस तरह बाहर आना इस लोकतंत्र के लिए अच्छी खबर है...
और आम आदमी पार्टी का मकसद भी तो यही है ना कि लोग अब अपने अधिकारों के लिए, अपने समाज के लिए, अपने राष्ट्र के लिए अपने घर से बाहर निकलें....है ना ????????
क्यों, कुछ गलत कहा क्या ?
डॉ राजेश गर्ग.
garg50@rediffmail.com
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