अब दुर्योधन, बलवान होगा |
कौरवों का भरमार होगा ||
नहीं कोई प्रतिकार होगा ||
क्या रहने लायक, ये संसार (भारत) होगा ?
हे पार्थ (अर्जुन) , तुम डरो नहीं |
हे पार्थ, तुम झुको नहीं |
हे पार्थ, तुम रुको नहीं |
आज नहीं तो कल, तुम्हारे पीछे जनसैलाब होगा ||
अगर न बन सके कंगूरा,
तो नींव की ईट बनेगें |
अगर न बदल सके भविष्य,
तो प्रेरणादायक इतिहास होगा ||
अरविन्द जी, हम साथ है,
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