आज सुबह जब आँख खुली तो ,....
ठंड के बादल उड़ते देखा ,...
बादल कुछ ऐसे थे ,... रुई के फाहे जैसे थे ,...
पीली - पीली ,... खिली थी सरसो ,...
ओस में भीगी ,.... धूल दिखी ,...
शान्त प्रकृति ,.... सबकुछ ठहरा सा ,...
ठंड के बादल उड़ते देखा ,...
बादल कुछ ऐसे थे ,... रुई के फाहे जैसे थे ,...
पीली - पीली ,... खिली थी सरसो ,...
ओस में भीगी ,.... धूल दिखी ,...
शान्त प्रकृति ,.... सबकुछ ठहरा सा ,...
ठंड का पहरा ,... धूप से लड़ता ,...
चन्दा जैसा,...सूरज दिखता ,....
अभिमानी पहाड़ ,... कुछ - कुछ गायब सा ,...
कुछ - कुछ गायब सा ,... अन्धकार ,...
कुछ - कुछ गायब सी ,.... धूप दिखी ,....
आज सुबह जब आँख खुली || ,.... #NagShukl
चन्दा जैसा,...सूरज दिखता ,....
अभिमानी पहाड़ ,... कुछ - कुछ गायब सा ,...
कुछ - कुछ गायब सा ,... अन्धकार ,...
कुछ - कुछ गायब सी ,.... धूप दिखी ,....
आज सुबह जब आँख खुली || ,.... #NagShukl
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