एक सवाल था आपसे ,……
दो साल पहले ,… मेरे एक दोस्त को डेंगू हुआ ,.... जब प्लेटलेट्स काउंट काफी कम हो गया ,… तब उसे पास के सरकारी अस्प्ताल ले कर गए ,… अस्प्ताल में ना ही बिस्तर थे और ना ही ,.... डेंगू का इलाज़ ,....
फिर अगले दिन AIIMS में प्रयास किया ,.... पर बात नहीं बनी ,....
अब तक प्लेटलेट्स काउंट ,.... बहुत कम हो चुका था ,… एमर्जेंसी बन गयी ,… अब प्राइवेट अस्प्ताल लेकर जाना पड़ा ,....
प्राइवेट अस्प्ताल में,.... एमर्जेंसी के केस में ,… हमेशा सुपर डीलक्स कमरा ही है जो खाली होता है ,…
भर्ती कराना पड़ा ,.... इलाज़ हुआ ,....
दोस्त ठीक हुआ ,…. पूरा बिल बना 85 हज़ार रुपये ,…
अब वो बंदा चाँद महीने पहिले ,… गाँव से आया था ,… पैसा कमाने ,… और आज 85 हज़ार का करजदार हो गया ,…
तनख्वाह मिलेगी एक महीने बाद ,… पूरे 6000 ,....
अब सोंचने की बात ये है कि इस उधार को चुकाने में ,.... कितना समय लगेगा ?.... पैसे घर भी भेजने है ,.... खाना तो पड़ेगा ,....
खैर सोंचता ,.... ये भी हूँ कि इस उधार पर अगर ब्याज लगे तो ,… वो भी महाजनी तो ?,.... नप गए ना लम्बे से ,…
गुजर गयी जिंदगी ,… हो गए सपने पूरे ,....
क्या हुआ था ,…एक मच्छर ने ही तो काटा था बस ,....
पर गलती किसकी थी ????,.....
क्या हमारी अकर्मण्यता नहीं थी की ,.... डेंगू का मच्छर पैदा होने ना देने में मदद करते ,…।
क्या सरकार और जनता इस कम को मिलकर नहीं कर सकती थी ???…। (स्वराज - ग्राम सभा मोहल्ला सभा )
क्या सरकार और समाज की,.... ये जिम्मेवारी नहीं थी ,…
क्या सरकारी अस्प्ताल में इलाज़ नहीं हो सकता था ?????
क्या हुआ था ,… क्यों नपी उसकी जिंदगी ,.... बस एक मच्छर ने ही तो काटा था ,....
काटा क्या था ,.... समाज और व्यवस्था दोनों की हकीकत ही दिखाई थी ,…
इतना मुश्किल भी नहीं ,....
इसे बदलना ,....
बस जागरूक जनता ,… और पारदर्शी व्यवस्था,.... सहयोग का भाव ,.... ही तो है,… जो चाहिए ,....
और यही लाने की तो एक कोशिश कर रहे है आप ,…। हाँ #AAP ,…
कोई लोकतंत्र जी ही नहीं सकता ,…अगर जनता में सहयोग की भावना ना हो तो ,…।.…नागेन्द्र शुक्ल
दो साल पहले ,… मेरे एक दोस्त को डेंगू हुआ ,.... जब प्लेटलेट्स काउंट काफी कम हो गया ,… तब उसे पास के सरकारी अस्प्ताल ले कर गए ,… अस्प्ताल में ना ही बिस्तर थे और ना ही ,.... डेंगू का इलाज़ ,....
फिर अगले दिन AIIMS में प्रयास किया ,.... पर बात नहीं बनी ,....
अब तक प्लेटलेट्स काउंट ,.... बहुत कम हो चुका था ,… एमर्जेंसी बन गयी ,… अब प्राइवेट अस्प्ताल लेकर जाना पड़ा ,....
प्राइवेट अस्प्ताल में,.... एमर्जेंसी के केस में ,… हमेशा सुपर डीलक्स कमरा ही है जो खाली होता है ,…
भर्ती कराना पड़ा ,.... इलाज़ हुआ ,....
दोस्त ठीक हुआ ,…. पूरा बिल बना 85 हज़ार रुपये ,…
अब वो बंदा चाँद महीने पहिले ,… गाँव से आया था ,… पैसा कमाने ,… और आज 85 हज़ार का करजदार हो गया ,…
तनख्वाह मिलेगी एक महीने बाद ,… पूरे 6000 ,....
अब सोंचने की बात ये है कि इस उधार को चुकाने में ,.... कितना समय लगेगा ?.... पैसे घर भी भेजने है ,.... खाना तो पड़ेगा ,....
खैर सोंचता ,.... ये भी हूँ कि इस उधार पर अगर ब्याज लगे तो ,… वो भी महाजनी तो ?,.... नप गए ना लम्बे से ,…
गुजर गयी जिंदगी ,… हो गए सपने पूरे ,....
क्या हुआ था ,…एक मच्छर ने ही तो काटा था बस ,....
पर गलती किसकी थी ????,.....
क्या हमारी अकर्मण्यता नहीं थी की ,.... डेंगू का मच्छर पैदा होने ना देने में मदद करते ,…।
क्या सरकार और जनता इस कम को मिलकर नहीं कर सकती थी ???…। (स्वराज - ग्राम सभा मोहल्ला सभा )
क्या सरकार और समाज की,.... ये जिम्मेवारी नहीं थी ,…
क्या सरकारी अस्प्ताल में इलाज़ नहीं हो सकता था ?????
क्या हुआ था ,… क्यों नपी उसकी जिंदगी ,.... बस एक मच्छर ने ही तो काटा था ,....
काटा क्या था ,.... समाज और व्यवस्था दोनों की हकीकत ही दिखाई थी ,…
इतना मुश्किल भी नहीं ,....
इसे बदलना ,....
बस जागरूक जनता ,… और पारदर्शी व्यवस्था,.... सहयोग का भाव ,.... ही तो है,… जो चाहिए ,....
और यही लाने की तो एक कोशिश कर रहे है आप ,…। हाँ #AAP ,…
कोई लोकतंत्र जी ही नहीं सकता ,…अगर जनता में सहयोग की भावना ना हो तो ,…।.…नागेन्द्र शुक्ल
Well Said Bhaiya !! Badalna hai iss vyavastha ko... :)
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