एल
डी सी ने अरविंद की कहानी यूँ सुनाई । एक रोज़ घोर बारिश में मैं सुबह
सुबह दफ़्तर पहुँचा । पानी भर गया था । मैं पी डब्ल्यू डी को फ़ोन कर बाहर
आया तो देखा कि एक आदमी पतलून मोड़कर झाड़ू चला रहा है । नालियों को साफ़
कर रहा है । मुझे लगा कि दफ़्तर का चपरासी होगा । मैंने कहा कि कंप्लेन कर
दिया है । तो उसने जवाब दिया कि पी डब्ल्यू डी वाले तो तीन घंटे में आयेंगे
। ज़रा गटर का ढक्कन उठाने में मदद कीजिये । मैंने मदद कर दी । थोड़ी देर
में पानी साफ़ हो गया । सबके आने का टाइम हो गया था । कमरे में फ़ाइल लेकर
गया तो देखा कि यह तो वही है जो गटर साफ़ कर रहा है । ये तो मेरा कमिश्नर
है ।
कहते कहते अरविंद से उम्र में काफी बड़े लग
रहे जनाब ने कहा कि अरविंद ने हम सबको प्रेरित किया । हड़काया नहीं ।
समझाया कि रिश्वत मत लो । वे हम लोगों को काफी समझाते थे । तब से मैंने
रिश्वत लेनी बंद कर दी । मैं हमेशा नान असेसमेंट की पोस्टिंग लेता हूँ ।
असेसमेंट की पोस्टिंग के लिए न तो रिश्वत देता हूँ और न लेता हूँ ।
दिल्ली
पुलिस के एक सिपाही ने बैरिकेड के दूसरी तरफ़ से मुझे पकड़ लिया । कहा कि
आप हमारा मसला क्यों नहीं उठाते । हमें आठ घंटे की शिफ़्ट दे दो । बच्चों
के लिए क्रैश होना चाहिए । एक दिन की छुट्टी तो हो हफ्ते । हम रिश्वत नहीं
लेंगे । अभी हम चौबीस घंटे काम करते हैं । कोई छुट्टी नहीं । कौन चाहता कि
रिश्वत लें । जिसे बताता हूँ कि कांस्टेबल हूँ वो मुझे चोर समझता है । भाई
साहब ईमानदारी की रोटी खाने का दिल करता है । आज यहाँ ड्यूटी लगी है तबीयत
मस्त है ।
भागते हुए एक लड़के की आवाज़ सुनाई दी । छोटा सा लड़का होगा । मेरी बहन को जलाकर मार दिया है । कोई केस नहीं हो रहा है ।
मंच
के क़रीब पहुँचने ही वाला था कि मैं डेमोक्रेसी पढ़ाती हूँ । यह सही में
जनता के लिए जनता के द्वारा वाला लोकतंत्र है । मैं आज अकेले आई हूँ ।
देखिये इस भीड़ में अकेली बैठी हूँ ।
भाई साहब
आज सतयुग आ गया है । तभी किसी ने आवाज़ दी कि आज लगता है कि कृष्ण का जन्म
हो रहा है । एक ने कहा जय श्री राम । राम राज अरविंद लायेंगे ।
आप
भी चुनाव लड़ जाओ । पत्रकारिता में कुछ नहीं रखा है । लोगों की सेवा करो ।
नहीं जी । राजनीति मैं नहीं करूँगा । अरे आप मत करना । हम आपको जीता देंगे
। :)
ये लीजिये अमरूद खाइये । आम आदमी का अमरूद ।
मैंने
एक आपाई से सवाल कर दिया िक लोग आपके आचरण को देख रहे हैं । जवाब मिला कि
हमें अहसास है । क्या है न जी । अभी तक हमें भ्रष्ट नेता मिले हैं तो हम भी
वैसे हो गए हैं । अब ईमानदार नेता मिला है तो हम भी हो जायेंगे ।
स्टेशन
की वीआईपी पार्किंग में वहाँ के कर्मचारियों के साथ बैठा था । शपथ ग्रहण
से लौट कर थक गया था । गणेश ने कहा कि एक बात है गुरु जी । अरविंद की रैली
में वो लोग आते हैं जिनकी तनख्वाह पंद्रह से बीस हज़ार है । मोदी की रैली
में वो लोग आते हैं जिनकी तनख़्वाह पचास हज़ार से अधिक है ।
ये कहानियाँ खुद को याद दिलाने के लिए लिखीं हैं ।.....Raveesh Kumar
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