Sunday, March 24, 2019

एक दृश्य - जो आँखों से देखा ,....

एक दृश्य - जो आँखों से देखा ,....
इस बार - होली के अवसर में ,... हम बैंगलोर के एक ऐसे इलाके में थे ,... जहाँ बहुलता में मुस्लिम है !!,...
खैर इस इलाके में ,... कुछ - कुछ ,... ईसाई भी है ,...
परन्तु ,... चूँकि -
धर्म परिवर्तन कराने की दौड़ में ,.... इस्लाम - क्रिश्चियनिटी से जीत गया तो ,...
तो ये इलाका ,... मुस्लिम बहुल और ईसाई दुसरे नंबर के - निवासी है !!

खैर ,.... अब होली का दृश्य ,...
होली का दिन ,... दोपहर की नमाज का वक्त ,...
कुछ ,... बच्चे सड़क के एक चौराहे पर,....
"आते - जाते लोगो को ,....ये याद दिलाने के प्रयास में ,... की आज होली है",...
अर्थात ,.. कुछ उंगलियों पर गिने जाने वाली संख्या के - बाहरी बच्चे जो पढ़ने के लिए ,.. यहाँ बने PG में रहते है - होली खेल रहे थे !!
नमाज का वक्त ,.. पास रहने वाले ,...
सज्जाद - रफीक - अब्दुल भाई ,... बड़ी शान से ,... सफ़ेद ,...
सफ़ेद कुर्ते में ,... चौराहे से जब गुजरे तो ,..
तो अचानक ,... होली खेलते हाँथ रुक गए !!,... थोड़ी देर के लिए समय रुक गया ,....
जैसे ,.. शहंशाह की सवारी निकल रही है ,...
सड़क किनारे - अदब से खड़े रहो ,... क्योंकि रंग के कुछ छींटे - अगर ,.. शहंशाह के दामन पर पड़ गए तो ,...
तो ,..
शहंशाह का - मजहब खतरे में पड़ जायेगा !!,...
खैर ,..
सवारी अब गुजर चुकी थी ,... अब एक बार से - हांथो में बिजली की तेजी वापस आयी और ,...
ये क्या ,... छपाक से ,...
छपाक से ,.. एक गुब्बारा मेरी ,... सफ़ेद टी-शर्ट में गिरा ,...
इस गुब्बारे की ,.. मेरी सफ़ेद शर्ट में,.. फटने की हिम्मत शायद - इसलिये पड़ी - क्योंकि ,...
शर्ट तो सफ़ेद थी ,... पर सर पर टोपी नहीं थी !!
देश में - जब हम सब रंगो को मिला के रखने की बात करते है तो ,...
तो होली में ,... सफ़ेद जुदा क्यों रहना चाहता है ?? या गर सच कहें तो ,...
तो हमारे नेता ,..
हमारे नेता ,... होली में इस सफ़ेद को - जुदा क्यों रखना चाहते है ??
खैर ,...
गुब्बारे ने सज्जाद - रफीक और अब्दुल से दूरी बनाये रखी ,.. मगर ,..
मगर ,... रमजान - तौफीक - अहमद ,... ने खुद ही गुब्बारों के बीच जा - उन्हें अपने ऊपर फटने के लिए कहा ,...
तो ,.. तो शायद ,...
वो शहंशाह है ,.. जिनके सफ़ेद रंग को ,... होली के रंग से खतरा है ,.. पर ,..
पर,...
ये "रमजान - तौफीक - अहमद " अभी अभी हाल ही में ,.. इस शाही खानदान में शामिल किये या कराये गये - तो ,..
तो इनका मन ,.. मचल गया ,... होली के गुब्बारे को !!
कहानी नहीं - हकीकत है ,.. जो देखी - इस बार - होली के दिन !! #NagShukl

Thursday, November 22, 2018

जब मकान हमारे कच्चे थे,...रिश्ते सारे पक्के थे

दादी माँ बनाती थी.. रोटी !!
पहली.. गाय की ,
और आखरी.. कुत्ते की..!
हर सुबह.. नन्दी आ जाता था ,
दरवाज़े पर.. गुड़ की डली के लिए..!

कबूतर का.. चुग्गा ,
चीटियों.. का आटा..!
शनिवार, अमावस, पूर्णिमा का सीधा.. सरसों का तेल ,
गली में.. काली कुतिया के ब्याने पर.. चने गुड़ का प्रसाद..!
सब कुछ.. निकल आता था !
वो भी उस घर से..,
जिसमें.. भोग विलास के नाम पर.. एक टेबल फैन भी न था..!
आज..
सामान से.. भरे घरों में..
कुछ भी.. नहीं निकलता !
सिवाय लड़ने की.. कर्कश आवाजों के.!
....हमको आज भी याद है -
मकान चाहे.. कच्चे थे
लेकिन रिश्ते सारे.. सच्चे थे..!!
चारपाई पर.. बैठते थे ,
दिल में प्रेम से.. रहते थे..!
सोफे और डबल बैड.. क्या आ गए ?
दूरियां हमारी.. बढा गए..!
छतों पर.. सब सोते थे !
बात बतंगड.. खूब होते थे..!
आंगन में.. वृक्ष थे ,
सांझे.. सबके सुख दुख थे..!
दरवाजा खुला रहता था ,
राही भी.. आ बैठता था...!
कौवे छत पर.. कांवते थे
मेहमान भी.. आते जाते थे...!
एक साइकिल ही.. पास था ,
फिर भी.. मेल जोल का वास था..!
रिश्ते.. सभी निभाते थे ,
रूठते थे , और मनाते थे...!
पैसा.. चाहे कम था ,
फिर भी..
माथे पे.. ना कोई गम था..!
मकान चाहे.. कच्चे थे ,
पर..रिश्ते सारे सच्चे थे..!!
अब शायद..सब कुछ पा लिया है !
पर..
लगता है कि.. बहुत कुछ गंवा दिया!!!

Saturday, November 10, 2018

भाई हाफ़िज़ हो गया है ,....

भाई हाफ़िज़ हो गया है ,....
जगह बैंगलोर ,.... नाम शाहिदा ,.... भाई का नाम जुनैद ,.. पिता रज्जाक ,....
घर के पास ,... एक दुकान में लॉन्ड्री चलाते है ,.... काम काफी रहता है,..
आज दुकान पहुँच,.. कपडे उठाने,.. तो ,...
तो कपड़ों की तह,... कुछ अलग तरह से लगी थी ,.. पूँछा
किसने करे ,.... बोली भाई ने ,... पापा गाँव गये है ,..
वो थोड़ा ,.. सहमी हुई सी,... बोली -
अगर ठीक नहीं बने तो दुबारा कर देती हूँ ,... हमने कहा ,..
कपडे ही तो है ,... क्या फर्क पड़ता है ,.. छोड़ो !!
खैर - करे किसने थे ?? वो बोली ,.. भाई ने ,...
पूँछा ,.. अच्छा वो स्कूल जाता है ,... बोली नहीं ,... वो तो हाफ़िज़ हो गया है ,....
हमने कहा ,... हाफ़िज़????,.. अरे कितनी क्लास में ,...
उसने कहा,.. वो हाफ़िज़ हो गया है ,...
(हमने मतलब निकाला - शायद सारी कक्षा पास कर के - पारंगत हो गया है ,... पता नहीं,..सही की गलत )
खैर हमने आगे पूँछा ,... तुम स्कूल जाती हो ,...
वो बोली हाँ ,... हमने कहा तुम कौन सी क्लास में ??
वो बोली नहीं उर्दू स्कूल में ,... हमने कहा उर्दू स्कूल - मतलब मदरसा ??
वो बोली - नहीं उर्दू स्कूल ,...
हमने कहा ,.. अच्छा तुम्हारी कौन सी क्लास ,...
जवाब फिर वही ,.. उर्दू स्कूल ,...
हमने कहा ,... अच्छा पहाड़े आते हैं ??,... वो थोड़े अचरज सी हंसी ,...
हमने कहा ,.. पहाड़े मतलब ,... table ,.. बोली नहीं ,.. बस थोड़ा मुस्काती रही ,...
आगे हमने पूँछा ,... अच्छा पैसे कितने देने है बोली ,... 4 कम 100 ,..
हमने मन में ,.. पहाड़े तो इसको ,... जिंदगी ने सीखा दिए है ,..
स्कूल तो बस धोखा दे रहा है ,....
सोचते हुए ,... कपडे ले ,.. घर आ गए ,... और ,...
तुरंत आप सभी को बता दिया ,..
वैसे ,.. हाफ़िज़ का मतलब जो हमने समझा ,.. सही की गलत ??
और एक बात ,.. अच्छे अच्छे ,.. इंटरनेशनल स्कूल के,... इस उम्र के बच्चे ,... ना बता पायेंगे ,...
एक कपडे के 8 रूपये ,... कुल १२ कपडे तो पैसे कित्ते ??,...
सच है ,... जिंदगी ,... सबसे बड़ी गुरु है !! और स्कूल चाहे ये हों या वो हो ,... बस धोखा ही दे रहे है !! #NagShukl

Sunday, September 9, 2018

उस दिन की ही तो बात है ,....

उस दिन की ही तो बात है ,....
गर्मी की छुट्टी थी ,... दोपहर का समय ,..... गूलर का पेड़ और उसकी छाँव में - वो 5 नंबर का पत्थर ही तो था ,....
जिसपे कुछ बैठे थे ,... कुछ सामने दीवार से सटे खड़े थे ,... और कुछ उधर दीवार पर टेक ले खड़े थे ,..
शायद बिजली आ नहीं रही थी ,... धुप तेज़ थी,... लू भी ,.... आह स्वर्ग
हम्म्म ,.... स्वर्ग ,..
स्वर्ग क्या ???,....ओय ,... स्वर्ग वही था उल्लू !!

कोरा कागज़ ,...

कभी कभी सोंचता हूँ - लिख के ,.... ये लिख क्या दिया??,...
फिर ,.. मिटा के सोंचता हूँ ,... लिखा ही था तो मिटाया क्यों ??
लिख के मिटा तो दिया ,.. पर ,..
पर वो कागज़ - जो कोरा था ,... अब कोरा कहाँ ??
करूँ उस कागज़ को - कोरा कैसे ??
शायद वो कागज़ - कोरा ही महान है ,... जीने का आसार है ,....
उसी में है - लिखने की सम्भावनाएं अपार!
जो लिख गया ,... वो बिकेगा एक दिन,...
पान में लिपट,... या ,...
या मिलेगा किसी दिन ,.... समोसे के नीचे !!
कागज़ - जो कोरा है ,....
एक खुला आसमान,... धरती विशाल ,..... गहरा समंदर ,... उड़ता पंक्षी ,.. गमले की तुलसी,.... जंगल का बरगद ,...
मोहल्ले का गूलर ,... बुधई की नीम ,... नीम पर गिल्लू ,... वो क्या हो सकता है ,...
वो क्या - नहीं हो सकता ??,...
पर हो कुछ भी ,.. मिटना तो उसे भी है ,....
मिलेगा वो भी कभी ,.... यहाँ या वहाँ ,...
लिखा हो - ना लिखा हो ,.... अंत सभी का एक है ,...
जो लिखा है ,.. शायद उसे सुकूँ है - किसी ने तो पढ़ा है ,... पर दुःख शायद ,..
जो लिखा है - उसे समझा कहाँ ??
समझा नहीं शायद उसने - है कोरा कागज पास जिसके !!#NagShukl

Sunday, September 2, 2018

भगवान् श्री कृष्ण ,....

भगवान् श्री कृष्ण ,....
भगवान् श्री कृष्ण ,.... जब युद्ध से पहले दुर्योधन को समझाने गये ,... की तुम्हे ऐसे काम नहीं करने चाहिये - जिनसे युद्ध हो ,...
धर्म और अधर्म को समझो ,... जो तुमने किया वो गलत था ,.... जो तुम कर रहे हो वो भी ,....
तब ,..
तब दुर्योधन ने कहा ,...
माधव ,... धर्म क्या है - अधर्म क्या ,... सही गलत का - ज्ञान है मुझे ,...
बस दिक्कत इतनी है ,... की ,...

की धर्म का मार्ग पकड़ने की मेरी इच्छा नहीं और ,.. इस अधर्म का आनंद मैं त्याग सकता नहीं ,....
ये कुछ वैसा है ,... जैसे हम अपने दोस्त को समझायें ,...
सुन ,. गुटखा मत खाया कर ,... प्लीज़ दारू मत पियो ,.... और वो जवाब दे ,...
"अबे ज्ञान मत दे मुझे ,... सब पता है",...
खैर ,...
मतलब सिर्फ इतना है की ,...
की जब हम गलत कर रहे होते है ,... हमें अच्छी तरह ज्ञात होता है ,...
"हम गलत कर रहे है",....
और गलत कर देते है ,... जानते हुए की गलत है ,.... अर्थात ,...
गलत हम ,... जानबूझ कर करते है ,....
जो जानबूझ कर की गयी - गलतियाँ ,.... अक्षम्य है !!,...
और अक्षम्य का - दंड अनिवार्य है ,.... जो मिलता है और मिलेगा अवश्य !!,..
अंतिम बात - बस इतनी है की ,...
की वो क्या है ,...
वो क्या है जो हमें - जानबूझ कर गलत करने को मजबूर करता है ???
वो है हमारा ,... काम - क्रोध - मद - लोभ ,.....
जो मात्र इसलिए ,... क्योंकि - उस वक्त अपनी इन्द्रयों के स्वामी बनने की जगह - दास बन गए ,.... तो
तो ,... यदि मोक्ष पाने का रास्ता ,... धर्म है (जो सिद्ध है) तो ,...
तो मोक्ष पाने ,... उपकरण - कर्म ,... मात्र एक है ,...
मात्र एक ,.... और वो है ,... इन्द्रियों पर विजय !!,....
शायद - यही गीता का ज्ञान है ,... की,...
की मोक्ष आसान है ,... और ,... और है तुम्हारे हाथ ,....
खैर छोड़ो ,... मेरा क्या ,.. मैं तो पौधा हूँ ,...

प्रैक्टिकल गीता ज्ञान ,....
गीता का सार ,... वैसे तो गीता का सार बता पाने की क्षमता,... शायद हम मनुष्यो में है ही नहीं ,....
फिर भी ,... कुछ महामानव अपनी अपनी - समझ के अनुसार कुछ न कुछ बता ही देते है ,.. तो ,..
पहली बात ,...
पहली बात तो ये की ,... जो सबसे प्रचलित गीता सार है ,.... वो है की ,..
"कर्म करो - फल की चिंता किये बिना",...
देखा जाये तो कितना सटीक है ,... यदि आप फल चिंता करेंगे - तभी कर्म से आसक्ति उतपन्न होगी ,.. तभी दुःख होगा - तभी सुख होगा और मोक्ष ,..
और मोक्ष,...
मोक्ष दुःख - सुख से परे,... की ही स्थिति,.. का ही नाम है ,....
खैर ,... अब व्यवहारिक बात ,...
यदि फेसबुक पर पोस्ट करते ,... ट्विटर पर ट्वीट करते ,... हम ये सोंचना छोड़ पायें ,..
इसे कितने लाइक, शेयर, रीट्वीट, कमेंट मिलेगा ,... कौन इसको लाइक करेगा - कौन कमेंट ,...
किसको इससे फायदा होगा - किसको इससे नुक्सान ,...
तभी ,...
हाँ तभी ,.. और सिर्फ तभी ,...
हम वो लिख पायेंगे जो हमारे मन का सत्य है ,....
और मोक्ष ,....
मोक्ष तो मात्र सत्य में है - धर्म में है !!,..
छोड़ो ,... मेरा क्या - मैं तो पौधा हूँ ,... चलो बोलो ,..
"जय श्री कृष्ण",...
श्री कृष्ण गोविन्द - हरे मुरारी ,... हे नाथ नारायण वासुदेवा !! #Nagshukl

मैं ब्राम्हण हूं

मैं ब्राम्हण हूं
जब मैं पढ़ता हूँ और पढ़ाता हूँ
मैं क्षत्रिय हूँ
जब मैं अपने परिवार की रक्षा करता हूँ
मैं वैश्य हूँ
जब मैं अपने घर का प्रबंधन करता हूँ
मैं शूद्र हूँ
जब मैं अपना घर साफ रखता हूँ
ये सब मेरे भीतर हैं, इन सबके सयोजन से मैं बना हूँ

वस्त्तुतः सच यही है कि हम सुबह से रात तक इन चारो वर्णो के बीच बदलते रहते हैं।

अंग्रेजों में ,.... जो सोने का काम करता है वो Goldsmith है ,....
हिन्दुस्तान में ,.... वो सुनार है ,....
और ,...
अंग्रेजों में ,.... जो भेड़चारता है वो Shepard है ,....
हिन्दुस्तान में ,.. वो गडरिया ,....
कौन,... है कौन???- जो कहता है ,....

हिन्दू में - हिन्दुस्तान में ,.... जातिवाद है ???
गर है तो ,..
तो,... निश्चित रूप से वही है ,... जो सब जगह है ,...
preacher + Teacher = ब्राम्हण Isn't it??