“मैं गया था सोच के, बातें बचपन की होंगी,
दोस्त मुझे अपनी तरक़्क़ी सुनाने लगे।”
किसको बर्दाश्त है "साहेब" तरक़्क़ी आजकल दुसरो की लोग तो मय्यत की भीड़ देखकर भी जल जाते है
"वो दोस्त मेरी नज़र में बहुत ‘माईने’ रखते है, जो वक़्त आने पर मेरे सामने ‘आईने’ रखते हैं।"
आँखें ही थी जो कह गयी सब कुछ ... लफ्ज़ होते तो मुक्कर गए होते ...
सिर्फ शब्दों से न करना किसी के वजूद की पहचान हर कोई उतना कह नहीं पाता जितना समझता और महसूस करता है...
पर्वतों की तरह खामोश हैं, आज के संबंध और रिश्ते..! जब तक हम न पुकारें... उधर से आवाज़ ही नहीं आती..!!
“मुस्कुरा कर दर्द को सहना क्या सीख लिया सबने सोच लिया हमे तकलीफ ही नही होती”
उम्र भर ग़ालिब यही भूल करता रहा . धूल चेहरे पर थी ,आइना साफ़ करता रहा !!
फिसलती ही चली गई एक पल रुकी भी नही अब जाके महसूस हुआ रेत के जैसी है ज़िन्दगी
मुद्दतें लगीं बुनने में ख्वाबों का स्वैटर.. जब तैयार हुआ तो मौसम बदल चुका था..
"सुकून वो था जब" होठों पे मुस्कान थी... कंधो पे बस्ता था सुकून के मामले में वो जमाना सस्ता था ....
“बचपन में पापा की लगायी बंदिशो को तोड़ने में बहुत मज़ा आता था, अब बड़े होकर ख़ुद पर लगायी बंदिशें तोड़ी नहीं जाती.”
किसको बर्दाश्त है "साहेब" तरक़्क़ी आजकल दुसरो की लोग तो मय्यत की भीड़ देखकर भी जल जाते है
"वो दोस्त मेरी नज़र में बहुत ‘माईने’ रखते है, जो वक़्त आने पर मेरे सामने ‘आईने’ रखते हैं।"
आँखें ही थी जो कह गयी सब कुछ ... लफ्ज़ होते तो मुक्कर गए होते ...
सिर्फ शब्दों से न करना किसी के वजूद की पहचान हर कोई उतना कह नहीं पाता जितना समझता और महसूस करता है...
पर्वतों की तरह खामोश हैं, आज के संबंध और रिश्ते..! जब तक हम न पुकारें... उधर से आवाज़ ही नहीं आती..!!
“मुस्कुरा कर दर्द को सहना क्या सीख लिया सबने सोच लिया हमे तकलीफ ही नही होती”
उम्र भर ग़ालिब यही भूल करता रहा . धूल चेहरे पर थी ,आइना साफ़ करता रहा !!
फिसलती ही चली गई एक पल रुकी भी नही अब जाके महसूस हुआ रेत के जैसी है ज़िन्दगी
मुद्दतें लगीं बुनने में ख्वाबों का स्वैटर.. जब तैयार हुआ तो मौसम बदल चुका था..
"सुकून वो था जब" होठों पे मुस्कान थी... कंधो पे बस्ता था सुकून के मामले में वो जमाना सस्ता था ....
“बचपन में पापा की लगायी बंदिशो को तोड़ने में बहुत मज़ा आता था, अब बड़े होकर ख़ुद पर लगायी बंदिशें तोड़ी नहीं जाती.”
“कितना जानता होगा वो शख़्स मेरे बारे में,
मेरे मुस्कुराने पर जिसने पूछ लिया तुम उदास क्यूँ हो.”